
जिम कार्बेट पार्काक् शेर......
रचनाकार: ज्ञान पंत
सादर नमस्कार,
आदरणीय प्रोफेसर धनेश पाण्डे जी ने (मेरे आग्रह पर) पर कुछ "कणिकौं" का अंग्रेजी अनुवाद किया है।
पाण्डे जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए .......
आदरणीय सुरेश पंत जी, उदय टम्टा जी, गोविन्द प्रसाद बहुगुणाँ जी, द्वारिका पाण्डे जी और उदय पंत जी .......
बिना अनुमति के शेयर और आपको भी सम्मिलित करने की धृष्टता कर रहा हूँ ।
सादर ......
O'Motor vehicle
May lightning fall upon your head
For you have brought Lucknow
So close to my native home
But made my home from Lucknow
So far and aloof !
दै मोटरा !
त्यार ख्वा्र बज्जर पड़ि जौ
घर बटी लखनौ त नजीक बँणै देछ
मगर , लखनौ बटी घर
त्वीलि कत्थप पुजै देछ।
..................
Just from the angle of a hill
Think a while
Life from all quarter
will become lust green -
मणीं पहाड़ै न्याँत ले
सोचि बेरि त देखौ
जिन्दगी चौतरफा
हरिया - हरी है जालि।
............................
Even a dog
Fills his belly
But thinking others
Is humanity .
आपण पेट त
कुकुर ले भरों
दुहारैकि सोचौ त
मनखियोव भै।
-----------------------------
शब्दार्थ:
कुछ और भी अंग्रेजी भावानुवाद किए हैं पाण्डे जी ने, जिन्हें फिर लिखूँगा।
July 22, 2017

...... ज्ञान पंत
ज्ञान पंत जी द्वारा फ़ेसबुक ग्रुप कुमाऊँनी से साभार
ज्ञान पंत जी के फ़ेसबुक प्रोफ़ाईल पर जा सकते हैं
0 टिप्पणियाँ