
पछ्याण
"हिटो पै, ए घुटुक चहा पैला..." पार्क बै भैर उनै जोश्ज्यु पानेज्यू हुँ कूण लागिं। यौ सैक्टर में नई-नई आयि भाय जोश्ज्यु, पार्क में आपण पहाड़'क मन्खि देखि, भौते भल लाग...
गेट खोल बेर भितेर जाण बखत जोश्ज्यु कं औरे उत्साह हई भौय। नोएडा में इतु छाजन मकान ठाड़ करि भौय। क्वे त देखो... रिटायर हबेर मस्त डबल मिलीं, द्वि च्याल लै भलि नौकरी में भाय। खूब हौस'ल बड़े राखौ। जोश्याणि हुँ चहा लिजि कबेर आपण कोठी'क तल-मल खा'न दिखाय जोश्ज्यु'ल...
उफलि बेर चहा'कि घुटुक लगूण बखत जोश्ज्यु सोचण राय, धैँ, हमरि ठान-ठिमान वालि कोठी'क कसि तारीफ़ करनी पानेज्यु ... "मकान त बढ़ी लगै राखो हो..." चहा पिन-पिनैं पानेज्यू कूण लागिं ..." पै घर कां भौय तुमर..!!" पत्त न के भौ... जोश्ज्यु'क इटैलियन मार्बल जै दमकन मुँख खन्यार जै है पड़ौ ...

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