एक नयी फ़िल्म आयी है, थ्री ईडियट्स ।
मैने फ़िल्म देखी तो पता चला कि थ्री ईडियट्स के रोल में है,
आमिर खान, शरमन जोशी और माधवन।
पर थियेटर से बाहर आकर टी०वी० पर देखा तो कुछ सोचने लगा,
वहां कोई और ही लड़ाई चल रही थी, थ्री ईडियट्स के लिए।
एक तरफ़ थे, विधु विनोद चोपड़ा यानि निर्माता,
दुसरे थे राजकुमार हीरानी, पट्कथा लेखक
और तीसरे थे, चेतन भगत, अरे महानतम भारतीय अंग्रेजी राईटर।
जो मुझे उनकी हरकतों के अलावा,
किसी भी नजरिये से ईडियट तो नजर नही आते।
पर दोस्तो जब मैं अपनी बुद्धि से सोचने लगा तो,
फ़िर टैंशन मे आ गया कि थ्री ईडियट्स कौन है?
मुझे लगा कि पहले हैं फ़िल्मे के फ़िल्म निर्माता, निर्देशक और पटकथा लेखक,
जिन्होने हमें ये फ़िल्म बनाकर टैंशन में डाल दिया।
दुसरा है सर्वशक्तिमान मीडिया,
जिसने इस मह्त्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दे को जनता के समक्ष पेश किया।
पर तीसरे या मित्रो कहें तो, सबसे बड़े ईडिय़ट्स तो हम ही हैं,
जो पहले पैसा और समय देकर इडियट्स को देखने गये।
फ़िर समय बरबाद कर उसे टी०वी० पर देख रहे हैं,
और अखबारों में पढ़ रहे हैं।
पर तीसरा ईडियट हमेशा की तरह थ्री ईडियट्स देख कर मस्त है।
और बाकि के दो इडियट्स माल, शोहरत
और टी०आर०पी० बटोरने में मस्त है।
ठीक ही है, अब जो थ्री ईडिय़ट्स को देखने में
अपना समय और पैसा बर्बाद करे, जबकि वह रोज शीशा देखता है।
वही तो हुआ ना रीअल ईडियट, या ओरिजिनल ईडियट।
या कह लो "ईडियट न० वन",
अरे यह तो एक बोलीवुड फ़िल्म का टाईटिल हो गया।
अरे दोस्तो अब मैं ईडियट नही रहुंगा,
इस टाईटिल को कोपीराईट करवाकर डेविड धवन को बेचुंगा।
मै भी और दो ईडियट्स की तरह माल बनाउंगा।
तो दोस्तो राम! रांम! अपन राम तो चले माल बटोरने,
अरे मतलब टाईटिल रजिस्टर्ड करवाने।
इससे पहले कि डेविड धवन इस ब्लोग को पढ़े।
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