आमू क (आम) सीजन- नान्छिना क बात

कुमाऊँनी भाषा में संस्मरण - नान्छिना'क बात Kumauni memoir childhood memories of mangoes Kumauni sansmaran

आमू'क (आम) सीजन- नान्छिना'क बात

लेखिका: चम्पा पान्डे

आजकल आमूक (आम) सीजन चल रौ
तो नान्छिना एक बात याद एगै
 😁😀😂........

सुणो के होय कछा! हमरि इजल का्च आम पकौण घाली हाय, एक हौय डा्ल ठुल्लौ कसी, इज उमै तिरायी बै आदु डा्ल कदु पिरू भर दिनी हेइ।  फिर बीचम आमू कैं धर बे माथ बै मणि पिरू आयि धर बे फाटि फुटि गुदाण मुदणाल पट्ट बन्द कर बे उनुकै सेत (पकांहा )घा्ल दिनी हेइ।  फिर हमूहै कनी हेइ कि आब इनुकु चार पाँच दिनम (सेत खोलुल )देखुल।  पर नान्तिनाकि अकल हेइ कां मानछी पराणी 😁, 
एक दिन तो निकल गोय्,  दुसौर दिन मन मै जिग्यासा हयि कि आम पाक तो नी गा्य?

इज जायि रनि हेइ बण पन तब करण हौय चाइ-पाति।  आब उ डालम तक पुजु कसी, किलैकी डा्ल तो मा्थ भरपाटिम (सीलीपम) धरि हुनेर हौय।  फिर दाद या दीदीक मदद लीण पड़नी हेइ।  फिर एक घौड बननी हौय मील आम देखण हाय कि को मणि लै पल्ल-पल्ल कौलौ हम खै ल्युल।  सब आम गजोर दिण हा्य, यौ किस्स रोज चल्नी हौय, आब सेत खौलणक दिन लै ऐ गोय।  इजल कौय नान्तिनौ आज आमक पाल खौलुल आम पा्क गहनाल, आब हमकु सटबटाट पड़ गोय😁

आब इजल डा्ल पर मुनौव लगाई तीराई धरणै लिजी तो इजै कैं डा्ल हल्क जै लागि, चांछि के चांछी इज...... 
डालम कुल चारै बी हा्य आमाक 😂😂😂😂😂|
फिर आघिल के हनौल तुमै बताओ धैं....?

धन्यवाद
*चम्पा *पान्डे*, 26-04-2018

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