
राखीक यौ त्यार
रचनाकार: चम्पा पान्डे
सब मित्रों कैं भै बैणियांक प्रेमक प्रतीक राखी त्यारक
भौत भौत बधै और शुभकामना 😊
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राखीक यौ त्यार
भौतै भौल छु
रंग बिरंगी धागूक
सुन्दर डोरूंक छु
यौ डोर रेशमक
भौतै मजबूत छु
जमें हम बैंणियांक
निमखण प्यार और आशीर्वाद बटी(लिपटा हुवा) छु,
सब दुनी हैबेर न्यारै
भै बैणीयूंकौ रिश्त हुँछौ
तैंहति झगौड़
तैंहति म्यौस (सुलह )
दिनम कतूक बार हुँछौ
जब तलक दगड़ै रनी
एक दुसौरक
सीकैत करनी
जब हैजानी दूर -दूर तब
उ बचपनौक झगौड़
याद करनी,
भै बैणीयांक यौ रिश्त
भौतै शरारत भरी हुंछ
दादक तो ड़ाँट में लै
भौतै प्यार भरी हुंछ
म्यौर दाद भूली मकै
कभै ना भूलिया
मैत आणक यौ त्यार
भौतै भौल बहान हुंछ,
इज बाज्यू ल्हैगीं
आपण आपण धाम में
आब म्यार ददा
तुमरि आस छूं मैं
मकै के नी चैन भौजी
नकी भलि चीज
राखीक बदौव में
बस तुम सब
सुक़्यारि सन्तोषी रयि चैन्छा
बस मेरि यै पुकार छु
आपण इष्ट द्याप्ताक खुटा में,
सुणो म्यार ददा भौजी
यौ राखी पर
म्यौर एक्कै माँग छु
मी आपण जन्मभूमि में
आपण इज बाज्यूक थात में
जब जब लै खुट धरुं
बस तमौर आंखों में
वी इन्तजार
वी प्यारक झलक देखूं
जो देखिंछी इज बाज्यूक आँखूं में
जो देखिंछी इज बाज्यूक आँखूं में।।
धन्यवाद
*चम्पा *पान्डे*, 02-08-2020

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