
-:हमार मैस:-
लेखिका: रेखा उप्रेती
(केवल पतियों के लिए)
पहाड़ा का भ्योव जसा
ख्वारा में गढोव जसा
घाम दिनाँ स्योव जसा।
दूध की कुराणी जसा
खांण में खुस्याणी जसा
बीक बाद पाणी जसा।
झिमोड़ा का पूड़ जसा
सिस्युणा का भूड़ जसा
चाहा दगै गूड़ जसा।
ऋतुओं में रूड़ जसा
बूड़ी जांछा स्यूड़ जसा
कभै-कभै ध्यूड़ जसा।
गदुआ का पात जसा
भाना में परात जसा
द्यो लागी में छात जसा।
अल्ल पड़ी डाव जसा
चौमासै का खाव जसा
धान का पराव जसा।
कोकैल पिनालु जसा
रसिल हिसालु जसा
मेसीण में आलु जसा।
बोट-डावां में तुणी जसा
देखन में गुणी जसा
सवाद में नुणी जसा।
जस भया भाल भया
सासुका त च्याल भया
रत्त का उज्याल भया।
जी रया बची रया
घर-कुड़ी में रची रया
चरेऊ में गछी रया।
रेखा उप्रेती, 23-06-2020

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