क्रिकेटर 'धोनी' रिटायर हैगो!

कुमाऊँनी कविता-क्रिकेट खेलक भविष्य अन्यार हैगो कुंणी, क्रिकेटर 'धौनी', हमौर मुलुकक रिटायर हैगो कुणी। Kumaoni Poem about retirement of Cricketer 'Dhauni'

क्रिकेटर 'धोनी' रिटायर हैगो!
रचनाकार: दिनेश जोशी

क्रिकेट खेलक भविष्य अन्यार हैगो कुंणी
'धोनी', हमौर मुलुकक रिटायर हैगो कुणी।

कतुक ठुल नाम कमा वील देश विदेश जांले
तदुक हुणी गुणी च्यल हमौर हैगो कुणी।

एक छी धोनी सालमा क् 'राम सिंह सेनानी' ज्यू
खेलौक सितार,उतवे ठुल दुसौर हैगो कुंणी।

अहा! कतु रन बणै गो, कतु छक्क लगे गो
वर्ल्ड कप जितै बेर अमर हैगो कुणी।

आब त,वीक जाणाक बाद, कई नि सकीन के
क्रिकेट क् महल सुद्दै, खन्यार हैगो कुणी।

हमैरि बोलि में कभत्तै धैं, बलै दिनों द्वि आंखर
तैक ल्हिजी हमन कणि ऊ, के नि दिगो कुणी।

आब जरूर चाल चिताल पितृभूमि उज्याणि मुणि
भौय त् हमरै च्यल, आल, आपुण घर आल कुणी।

 -----------------@ दिनेश जोशी* 04-08-2020
 
फोटो-बिंग

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