वरिष्ठ साहित्यकार श्री मोहन चन्द्र जोशी ज्यू

कुमाउनी भाषा में साक्षात्कार - वरिष्ठ साहित्यकार श्री मोहन चन्द्र जोशी ज्यू  Kumaoni Language Interview with Kumauni Litterateur Shri Mohan Chandra Joshi

वरिष्ठ साहित्यकार श्री मोहन चन्द्र जोशी  ज्यू
कुमाउनी इंटरव्यू © हमार कुमाउनी रचनाकार【08】
प्रस्तुति: राजेन्द्र ढैला

मित्रो, मैं आपूं सब लोगना सामणी कुमाउनी रचनाकारों'क संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत करण लाग रयूँ।जमें उ लोगनकि बात हुनै जो आपणि लेखनील कुमाउनी बोली-भाषा, साहित्य-संस्कृतीकि सेवा करण लाग् रयी।

★मैं आज आपूं लोगनक् परिचय करूंण लाग रयूँ हमार वरिष्ठ सहित्यकार श्री मोहन चन्द्र जोशी ज्यू दगड़ी।  जनर जनम 05 जून सन् 1967 हूँ ग्राम-दर्शानी, पोस्ट-बैजनाथ, तहसील गरुड़, जनपद बागेश्वर (उत्तराखंड) में इजा स्व.श्रीमती दुर्गा देवी और बौज्यू स्व.श्री परमानंद जोशी ज्यू वां भौ।
धर्मपत्नी - श्रीमती गीता जोशी ज्यू और संतति -पल्लवी, पूजा, भाष्करानन्द छन।

◆इनैरी शुरुआती शिक्षा● खार,मुंबई (कक्षा 2 तक) उबाद प्राथमिक विद्यालय दर्शानी में कक्षा-5 तक फिर राजकीय इंटर कॉलेज गरुड़ बागेश्वर में 10 तक।
सुमित्रानंदन पंत इंटर कॉलेज कौसानी में 12 तक,
डीएसबी परिसर नैनीताल बी.एस.सी.(प्राणी विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, वन विज्ञान ) में।
पंडित बद्री दत्त पांडे राजकीय महाविद्यालय बागेश्वर बटी एम.ए. (हिंदी और कुमाउनी साहित्य)

◆अन्य / प्रशिक्षण●शिक्षा विशारद, एनटीटी, पीटीईटी .D.El.Ed,
सन 1991 बटी आदर्श ज्ञानार्जन विद्यालय गरुड़ (जूनियर हाई स्कूल तक कक्षाओंक् संचालन और प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालन)।
●अन्य पूर्व अनुभव -
Ali Yavar Jung National Institute for Hearinging Handicapped. Mumbai दगै 10 वर्ष मूक बधिर दिव्यांगों लिजी शिक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम।
राजकीय पॉलिटेक्निक द्वाराहाट दगै 3 साल विभिन्न प्रशिक्षण community development programme प्रशिक्षण कार्यक्रमोंक् संचालन।
कत्यूर घाटी, रनमन, हल्द्वानी सहित कुल एक दर्जन विद्यालयोंक् संचालनक् अनुभव।
श्रीमान जोशी ज्यू दगाड़ हैई बातचीताक कुछ अंश...

सवाल01◆ उ तीन मनखीनों नाम बताओ जनून आपूं कें प्रभावित करौ?
जबाब● इज, बा्ब और ठुल दादि स्व० श्री के एन जोशी ज्यू।

सवाल02◆ रचना धर्मिता कब बटी और कसिक शुरू भै आपूं हिंदी लै लिखछा लेकिन कुमाउनी शुरू करणैकि प्रेरणा कां बटी मिलै?
जवाब● कक्षा 9 बटी, रेडियो में कुमाउनी कार्यक्रम ऊँछी जकैं सुणि बेर भल लागछि।  वैं बटी कुमाउनी लिखणक् मन भौ।

सवाल03◆ आपुण लोकप्रिय मनखी को छन? क्वे एक' नाम बताओ।
जवाब● पूज्य महात्मा गाँधी ज्यू ।

सवाल04◆ आपुण खास शौक के-के छन?
जवाब● लिखण-पढ़ण, कवि सम्मेलन, गोष्ठियों, सामाजिक कार्यों में प्रतिभाग करण।

सवाल05◆ आपूंल कुमाउनी साहित्याक को-को विधाओं में आपणि कलम चलै राखै और आपुणि लिखणैकि मनपसंद विधा कि छ?
जवाब● गीत, कविता, गज़ल और कहानी में लै कोशिश करणयूँ।

सवाल06◆ आपुण जिंदगी'क एक यादगार किस्स बताओ जो सबन दगड़ी साझा करण चाँछा?
जवाब● सन 2016 में भारत-भ्रमण (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा)।

सवाल07◆ आपण जिंदगी'क सबन हैं जादे खुशीक एक मौक बताओ?
जवाब● जब घरवाइ (श्रीमती गीता जोशी ज्यू) कैं पैंल बखत देखण हूँ गोयूँ।

सवाल08◆ क्वे यस काम जो आपूं समजंछा अगर यौ है जांछियो तो भौत भल हुंछी?
जवाब◆ गरुड़ में कम से कम पचास दिव्यांग नानतिना लिजी एक छात्रावास और उनन हूँ एक विशेष विद्यालय।

सवाल09◆ आपूं एक स्कूल चलौंछा वीक कर्ता-धर्ता लै छा, आपूं नानतिनन लै पढूंछा, आपूं रामलील में लै सक्रिय रूँछा फिर साहित्य सृजना लिजी बखत कसी निकाव छा?
जवाब● मणीं नींन कम करि ल्हिनूँ।

सवाल10◆ वर्तमान में के रचनौछा और आपुणि ऊणी वाली क्वे रचना?
जवाब● अज्याल् लॉकडाउन की स्थिति में, मैं एक सामयिक कुमाऊनी संकलन 'ऑ्ठ' (जमें कूमाउनीक् कुल 55 रचनाकारों कि रचना और परिचय छु)
और आपणि पुस्तक 'झलक' कुमाउनी काव्य संग्रह, 'मोहन गीत' हिंदी गीतों संग्रह, 'मोहन गजल' हिंदी गजलोंक् संकलन, कुमाउनी श्रीमद्भभगवद गीता क् दुहर संस्करण तैयार करणयूँ ,जनर जल्दी लोकार्पण करी जाल।

सवाल11◆ सहित्य कि छ आपुण शब्दों में बताओ?
जवाब● जमें सब तरफ बै सबों'क् हित जुड़ी हो उ साहित्य भै।

सवाल12◆ आपुण हिंदी और कुमाउनी'क प्रिय लेखक को-को छन, एक-एक नाम बताओ?
जवाब● कविवर श्री सुमित्रानंदन पंत ज्यू हिंदी।
कविवर श्री गोपाल दत्त भट्ट ज्यू कुमाउनी।

सवाल13◆ टीवी में आपूं के देखण भल मानछा?
जवाब● खबर और पुराँण फिलम।

सवाल14◆ पहाड़ी खाणु में आपण मन पसन्द खाणु के छ?
जवाब● डुबुक, तात् मडुवाक् र्वाट दगै ताजि घ्युँ और लसकन गूड़।

सवाल15◆ नवोदित लेखक व रचनाकारों हूं आपूं कि कूंण चाँछा?
जवाब● खूब अध्ययन करो और लगन लगै राखो।

सवाल16◆ लेखन कार्य करते हुए आपूं कें के-के सम्मान और पुरस्कार मिलि रयी?
जवाब● बागेश्वर, कपकोट, हल्द्वानी, ज्योलिकोट,
उधमसिंह नगर, गजरौला, दिल्ली, कुरुक्षेत्र, ऋषिकेश, देहरादून, श्रीनगर(गढ़वाल) आदि जाग कवि-सम्मेलनों में प्रतिभाग, आकाशवाणी, कुमाऊंवाणी और दूरदर्शन देहरादून बटी प्रसारण क् दगै विभिन्न मंचों बटी दर्जन है ज्यादे पुरस्कार सहित..
मैती सम्मान पाँच जून 2000,
स्वर्गीय विनोद वर्मा ट्रस्ट गरुड़ द्वारा 2005 में लोकप्रिय साहित्यकार सम्मान (श्रीमान जिलाधिकारी बागेश्वर द्वारा प्रदत्त), विद्यालयी शिक्षा विभाग बागेश्वर द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रशस्ति पत्र 2011 दुबारा 2015 में भी।
अमेरिकन बायोग्राफिक इंस्टीट्यूट द्वारा Directory of distinguished leadership 8th edition में नामांकन।
Man of the Year 1998
Outstanding Man of 20 century1999
2000 Millennium मेडल ऑफ ऑनर.
Gold medal for India 2010.
American order of merit 2010
राज्य विकलांग दक्ष सेवायोजन पुरस्कार,समाज कल्याण विभाग देहरादून 2012,
ई-बर्ड शैक्षिक सम्मान 2015,
प्रेस क्लब बागेश्वर द्वारा प्रतिभा सम्मान 2017
कुमाऊनी भाषा एवं संस्कृति प्रचार समिति द्वारा शेर सिंह बिष्ट अनपढ़ पुरस्कार 2019,
CIMS/UIHMT group of college देहरादून और उच्च शिक्षा कल्याण परिषद उत्तराखंड द्वारा कुमाउनी भाषा विकास में योगदान क् लिजिक 'हिमालय रत्न' सम्मान (2020) .

सवाल17◆ अछा आपूं द्वारा रची-लिखी किताब को-को छन?
जवाब● म्यार् किताब 'थुपुड़', 'हुक धैं रे', 'केवल आपके लिए', 'मोहन गीता', 'आत्मा से आत्मा कथ्य - नमन केएन', 'क धैं' और ''वीर शहीद अमर क्रांतिकारी और परमवीर सोमनाथ गाथा" ( छंदबद्ध काव्य - खण्ड, जमें सन् 1857 बटी आजादी तक कुल 28 क्राँन्तिवीर और शहीदों कि गाथा छू ) यैक अलावा श्रीरामचरितमानस, कामायनी, भगवत गीता'क कुमाऊनी भावानुवाद और कुमाउनी में रामलीला नाटक आदि।

सवाल18◆ अछा आपूंल रामचरित मानस महाकाव्य'क कुमाउनी भावानुवाद करौ उमें कतुक टैम लागौ? और कैलै आर्थिक या क्वे और रूप में मधत लै करै आपुणि?
जवाब● रामचरितमानस क् भावानुवाद में मैंकें उरातार साढ़े 10 महैंण लागी। जो 2013 में तैयार हैगोछी। यैकी एक प्रति मैंन राष्ट्रपति महोदय हूँ भेजै और वीक कॉपीराइट लै हैगो। द्वी पत्र राष्ट्रपति कार्यालय बटी मैंकें प्राप्त भयी लेकिन राष्ट्रपति जीक संदेश न मिलि पै। एक प्रति भाषा संस्थान में पिछाड़ी पाँच सालों बटी पड़ी हुई छ,वीक एक संदेश तक न मिलि रै आजि तक। जोकि मैं चैंछी। मैंन यैक 'सुंदर काण्ड'कि कुछ प्रतियां बणैबेर लोकार्पण करौ जैक कौसानी गरुड़ ग्राम सिल्ली में तीन बार वाचन लै हैगो और लोगोंन खूब पसंद लै करौ। यैक अलावा लै मैंन भगवत गीता'क भावानुवाद कुमाउनी में करौ जमें मैंकें 3 महैंण और कामायनी'क अनुवाद में ढाई महैंण'क टैम लागौ। यौ सब करण में कत्ती बटी क्वे आर्थिक या अन्य प्रकार'कि सहायता न मिलि कभै।
सवाल19◆ क्वे अन्य उपलब्धि?
जवाब● सन् 2012 में मेरि कुमाउनी किताब 'थुपुड़' पर मंजू उपाध्याय जील एक लघु शोध करौ।

सवाल20◆ आपण जिंदगी'क मूल मंत्र कि छ?
जवाब● साँचि कओ, सुखी रओ।

सवाल21◆ आपण पाठकों हूं के संदेश दिनहा?
जवाब● मि कौंण चाँनूँ कि पुस्तकों हैबेर ठुल क्वे मित्र न्हैं। जो हमुँकैं निरंतर नई प्रेरणा'क साथ-साथ हमौर उत्साहवर्धन लै करनीं और सकारात्मक ऊर्जा/उज'क् संचार लै करनीं। पुस्तकोंक् माध्यमल् हम रचनाकार द्वारा कल्पित मनोभावों कैं आपण जीवन में जीवन्त चितौंनूँ, और कभतै लेखक'क् विचारों और वीक अनुभवोंल् मार्गदर्शन पैबेर जीवनक् बा्ट कैं सितिल बड़ौंनूँ। आजाक् समय में पढ़णक् शौक कुछ कम हैगो। लेकिन पढ़णक् लिजी निरंतर वातावरण निर्माण कि आवश्यकता छू।

सवाल22◆ क्वे यसि बात जो मैंन पुछि न और आपूं सब लोगन दगड़ी साझा करण चाँछा?
जवाब● मींल 'बैजनाथ' दैनिक अखबार (सन् 2008 बटी 2016 तक अनियमित प्रकाशन करिबेर आपण भौत समय व्यतीत करौछ। जैक अनुभव म्यार लिजी सुखद व ज्ञानवर्धक रयी। आपण स्कूलाक् विकास कार्यों में जादे टैम दिणा वील अखबार अघिल कै न निकाई सकी लेकिन भविष्य में मेरि कोशिश रौलि फिर पत्र - लेखन करूँल।

सप्रेम धन्यवाद महोदय भौत कुछ सिखण हूं मिलौ आपूं दगड़ी बातचीत करण में सादर

सप्रेम धन्यवाद सादर
★प्रस्तुति राजेंद्र ढैला, काठगोदाम।
आपसे अनुरोध है कि कलाकार के रूप में ढैला जी की प्रतिभा को जानने के लिए
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