आंण यानि कुमाऊँनी पहेलियाँ
ऊँन हूँ ऊँनी छू
ऊँनि लै नै देखि, जानि लै नै देखि
अर्थात - आती भी है और जाती भी है पर दिखायी नहीं देती।
पहेली का हल है- नींद
एक चीज यस, जैकि स्वर्ग हें नजर।
अर्थात - एक चीज ऐसी जिसकी नजर हमेशा आसमान को।
पहेली का हल है- उखौ, उखल या ओखली
काई कपायी कि सुकील बिन्दी
अर्थात - काले माथे पर सफ़ेद बिन्दी।
पहेली का हल है- तवा रोटी
खांण तो खानि, बिहुँ नी धरण
अर्थात - खाने के लिए तो प्रयोग करते हैं पर बीज नहीं रखते।
हल है- नमक
तू हिट, फ़िर मैं ऊँनू
अर्थात - तुम चलो, फ़िर मैं आता हूँ।
पहेली का हल है- दरवाजा
थाई में डबल गणि नी सकीन,
पाति’क सिकड़ टोडि़ न सकीन,
झल्लू बल्द बाधि न सकीन।
अर्थात - थाली में गिन नहीं सकते, लचीली लकड़ी तोड़ नहीं सकते, कबरे बैल को जोत नहीं सकते।
पहेली का हल है- क्रमशः तारे, साँप और बाघ
देखणी देखौ छू, बुलाणि न्हांति
अर्थात - दिखने में दिखायी देता है, पर बोल नहीं सकता।
पहेली का हल है- फोटो
देखिणक् रंगील चंगील,
खाणक् बेहाल
अर्थात - दिखने में आकर्षक है, पर खाने पर बेहाल हो जाते हैं।
पहेली का हल है- इन्द्रैणि (एक जहरीला फल)
नान् नानि बामणिक हाथ भरी चुड़
अर्थात - छोटी सी बच्ची का हाथ भर का जूड़ा।
पहेली का हल है- झाड़ू
पिसवेक छापरी में नारिंगे दांणि।
अर्थात - टोकरी नारंगी के दाने।
पहेली का हल है- हिसालू
पेट म्यर गड़बडि़या, मैं बिमार लै न्हाँति
हा्त में मेरि लट्ठी, मैं बुढ़ लै न्हाँति
अर्थात - पेट में मेरे गुड़्गुड़ पर बीमार नहीं, हाथ में मेरे लाठी पर मैं बुड्ढा नहीं।
पहेली का हल है- हुक्का-चिलम
उपरोक्त अहण या आँण (कुमाऊँनी पहेलियाँ) के सम्बन्ध में सभी पाठकों से उनके विचारो, सुझावों एवं टिप्पणियों का स्वागत है।
0 टिप्पणियाँ