
जिंदगील दि राखौ बेशुमार याँ
(प्रस्तुतकर्ता: डी.पी. तिवारी)
जिंदगील दि राखौ जब एतुक बेशुमार याँ,
पै जो नि मिल सक वीक हिसाब के धरण...
खुशीक द्वि पल भौत छन, खिलणाक लिजि,
तो फिर उदासिनौक हिसाब किलै धरण.....
भल यादनाक मंजर एतुक छन जिंदगी में,
तो मुणि दुखनौक हिसाब के धरण......
जब मिलीं मस्तु फूल याँ आपुणन थें,
फिर काँननौक चुभणोंक हिसाब के धरण .....
चाँदैकि चाँदनी जब एतुक भल छु,
तो उमें दाग छू, यो हिसाब किलै धरी जौ.....
कुछ तो भौत भल छु आपुणन में,
फिर उनैर बुराइनौक हिसाब किलै धरनूं..... !!
#@डीपीतिवारी

फेसबुक ग्रुप Myar Kumaon से साभार
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