होली त्यारा
रचनाकार: भारती दिशा
होली त्यारा
रंगीला छबीला छ,
यौ होली त्यारा।
फागुन मैन लैं सबैं,
ह्वै जैं छ हुलियारा।
रंगीला छबीला छ,
यौ होली त्यारा।
झुम रें छ मनै सब,
छाई रै छे बहारा।
प्यार प्यार फूलन थै
प्रकृति करी रै श्रिंगारा।
रंगीला छबीला छ,
यौ होली त्यारा।
फागुन मैन लैं सबैं
ह्वे जैं छ हुलियारा।
रंगीला छबीला छ,
यौ होली त्यारा।
म्यर त्यार,
भेद मिटी गो
एक न सन, अब्ब,
भितर भ्यारा।
गल मिल बेर,
लुटै रीं सब्ब,
अपण अपण प्यारा।
रंगीला छबीला छ,
यौ होली त्यारा।
फागुन मैन लैं सबैं,
ह्वे जैं छ हुलियारा।
रंगीला छबीला छ,
यौन होली त्यारा।
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