होली त्यारा - कुमाऊँनी कविता

होली त्यारा - कुमाऊँनी कविता,Holi festival celebration in Kumaon,kumaon anchal mein holi tyauhar ki masti

होली त्यारा

रचनाकार: भारती दिशा

होली त्यारा
रंगीला छबीला छ,
यौ होली त्यारा।
फागुन मैन लैं सबैं, 
ह्वै जैं छ हुलियारा।

रंगीला छबीला छ, 
यौ होली त्यारा।
झुम रें छ मनै सब,
छाई रै छे बहारा।
प्यार प्यार फूलन थै
प्रकृति करी रै श्रिंगारा।

रंगीला छबीला छ, 
यौ होली त्यारा।
फागुन मैन लैं सबैं
ह्वे जैं छ हुलियारा।
रंगीला छबीला छ, 
यौ होली त्यारा।

म्यर त्यार, 
भेद मिटी गो
एक न सन, अब्ब,
भितर भ्यारा।
गल मिल बेर, 
लुटै रीं सब्ब,
अपण अपण प्यारा।

रंगीला छबीला छ,
यौ होली त्यारा।
फागुन मैन लैं सबैं,
ह्वे जैं छ हुलियारा।
रंगीला छबीला छ,
यौन होली त्यारा।

भारती दिशा, 26-03-2021
भारती दिशा जी द्वारा फेसबुक ग्रुप कुमाऊँनी शब्द सम्पदा पर पोस्ट से साभार

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