सरकार, तुम भौत्तै बिगड़ि गोछा

कुमाऊँनी गीत-सरकार! तुम भौत्तै बिगड़ि गोछा, kumaoni song about the conduct of political leaders, kumaoni geet,kumaoni bhasha mein geet

सरकार! तुम भौत्तै बिगड़ि गोछा।।

रचनाकार: हीरा बल्लभ पाठक
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सरकार! तुम भौत्तै बिगड़ि गोछा।।
भले ही आंग पार्  धोति कुर्त पैरंछा 
भित्येर बै अंगरेज है गोछा।
अपंण इलाज विदेस मजि
हमरै टैक्सक् डबलोंल् खूब करंछा।
........सरकार! तुम भौत्तै बिगड़ि गोछा।।

हमर ल्हिजी खस्ताहाल 
सरकारि अस्पताल और 
परचार औरिबात करि दिंछा
आब् क्ये कूं तुमूहैं तुमत् भौतै ठुल् है गोछा।
...........सरकार! तुम भौत्तै बिगड़ि गोछा।।

ढाइ- तीन लाख तनखा 
अपणैं मनैल् करि दिंछा 
भत्त सत्त अलगै भाय पै
यतुक् डबलौंक् तुम क्ये-क्ये करंछा ।
.....सरकार! तुम भौत्तै बिगड़ि गोछा।।

चुनाव बखत हात् जोड़ि 
सब्बूकैं मवक्यै दिंछा 
वीक् बाद पांच बरष पत्त नैं तुम कां रूंछा।
........सरकार! तुम भौत्तै बिगड़ि गोछा।।

भाषणूं में जोर छू
तुमरि बिरादरी लै भरपूर छू
द्यखणाक् ल्हिजी गाइ-गलौज लै 
कै कै बखत आपस में थ्वड़ भौत करनैं रूंछा।
........ ....सरकार! तुम भौत्तै बिगड़ि गोछा।।

एक दुसरौक् पुतव फुकि  
तुम भौत्तै मसहूर है जांछा 
जनताक् कामक् ल्हिजी अड़ंग
और तनखा बढ़ाण तक एक है जांछा।
............सरकार! तुम भौत्तै बिगड़ि गोछा।।

घर कुड़ि हमरि बेचीगे कूंछा 
नान्तिनां कैं पावनै पावनै
जसिक् तसिक् इस्कूल पड़ाय
गरीबौ च्यल अपंणि मेहनतैल् 
पास है लै गोय त् आरक्षण लगे दिंछा।
............सरकार! तुम भौत्तै बिगड़ि गोछा।।
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हीरावल्लभ पाठक (निर्मल), 03-06-2021
स्वर साधना संगीत विद्यालय लखनपुर,रामनगर
 
हीरा बल्लभ पाठक जी द्वारा फेसबुक ग्रुप कुमाऊँनी पर पोस्ट

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