झिमौडै़क पूड़ - कुमाऊँनी लेख

झिमौडै़क पूड़ - कुमाऊँनी लेख, Kumaoni article about kumaoni phrase "Jhmaduk pood", Kumaoni bhasha mein lekh

-:झिमौडै़क पूड़:-

लेखिका: अरुण प्रभा पंत


शी शी चुप्प रौ अल्लै शांति है रै, कैं झिमौडै़क पूड़ उठ गेइन तौ!  ऐस कै बेर जस्सै हंसा आपण दुल्हौ नबीन कं देख बेर हंसण जै लागी तौ पछिनै बटिक भागुलि बुब(बुआ) तालै हाथैल शान कर बेरपुछण जै लागी- "कै ततु हस्योलि हैरै के कुबेरौक धनौक खजान हाथ लागरौ या हंसाक मैत बै तुहुं फटफटी ऐरै।"

नबीन - "यो मैसैकि ज्यून भै हंसण बलाण करि बेरै काटण चैं।"
भागुलि बुब - "हूं किलै नै,मैं सब समझूं, तुम म्योर ठाठ करन्हौ न्हला,मै सब जाणुं।"
नबीन - 'नै बुबु हम तो ऐस करि निसकना तु हमर बाबुकि लाडि़ली बैण भयी।"
भागुलि बुब - "पर म्यार दाज्यू कांछन आब ,तुमार शरण में भयूं जे कुंछा,नानू नान पाय राख छै तु। आब तु जेके समझलै।"

नबीन - "देख धैं बुबू आज कतु भल हौ चल रै,हिट तुकं नौल तक हाथ पकड़बेर घुमै ल्यू।"
भागुलि बुब - "सांचि, तेरि दुल्हैण त्यार ल्वात गाडै़ल पछा।"
नबीन - "नै हो वीलै मथैं कौ कि बुब कं भ्यार लै कभै तंगडै़ दी करौ।"
भागुलि बुब - "हाय म्यार दान सुदर ग्याय पै।"

मौलिक
अरुण प्रभा पंत, 15-01-2021

अगर आप कुमाउँनी भाषा के प्रेमी हैं तो अरुण प्रभा पंत के यु-ट्यूब चैनल को सब्सक्राईब करें

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ