
-:जमान अणकस्सै:-
लेखिका: अरुण प्रभा पंत
क्याप्प अणकस्सै,कुथौव जौ
फैशन समझ, पैरण पड़ौ तकं
जमै हमौर मन नि भौय और
पैरण पड़ उलै गुलामी तो भै
जतु अणकस्सै उतुकै फैशन
आब आंग ढकीणी नै.........
आंग दिखीणी कं भल कुनन
जतु कम कप्ड़ उतु महंग पैराव
जतु अणकस्सै उतुकै वाह वाह
मौलिक
अरुण प्रभा पंत
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