यो चौमास

कुमाऊँनी भाषा में लेख - यो चौमास Kumaoni Language article rainy season, Kumauni Bhsha ke shabdon ka prayog

-:यो चौमास:-

लेखिका: अरुण प्रभा पंत

आज बीस दिनाक मांथ हर बखतौक द्योक बाद रत्तै बै घाम दिखीणौतो मैल जैसै सब लुकुड़ भ्यार हालीं सुकूणाक लिजि तालैं बद्रीदत्त ज्यू (बादल) ऐग्याय।  हद्द है गै हो, लुकुड़नैक स्यौदैन बास कि जै पंख चलै बेर सुकनी पर जब जांलै सूर्य नारायण आपण दृष्टि नि डालन तौ लुकुड़न कं पैरण में आनंद नि ऊंन,नै ध्वे बेर फूलफटक घाम में सुखयी लुकुड़नैक बातैं कुछ और हैं।  के करनूं पै फिर लुकुड़ भितेर अटकैयीं और पंख फर फर कर चलैदे।

केकरनू द्यो लै चैनेरै भै, नंतर पाणिक जल स्तर कैसी बढ़ौल।  हर बात तो हमर मनकस नि है सकन नै।  चलौ सुख दगै दुख, भल दगै नक रुनेरै भै।  ओ इजा चावौ धै तौ चौड़ कस निझूत हैबेर बैठ रौ और आपण फांक कैसी सुखूणौं।  तौ देखौ हमरि संतान कं द्यो में रोज भिझनी और फिर आपाण बाबुक डरैल कुण में लुक जानी।

चलौ भितेर जावौ आंग पोछौ खोर तिन झन धरिया जुखाम है जाल। अल्लै मैं सबन हुं आद हाली दूध दिनूं, देर निकरौ बिमार होला,कय मानौ नंतर बाबू नड़क छोड़ाल।------~~~~~~~~
यो जो मैल लेख राखौ तो मैल उन लोगनाक लिजि लेखौ जो रोजमर्राक बात कुमाऊनी में व्यक्त करण चानी।  यमै जो नय शब्द छन उं यदि मैंने लेख राखी सिख लियौ:-
१.जांलै - जब तक
२.तांलै - तब तक
३.मनकस - मनचाहा
४.नंतर - नहींतो
५.लुकुड़ - कपड़े
६.स्यौदैन बास - अधसूखे कपड़ौं की गंध
७.लुकुड़नैक - कपड़ों की
८.मांथ - बाद या ऊपर
९.हालीं - डाले
१०.दिखिणौ तौ - दिख रहा है ये
११.ऐग्याय - आगये या आ गया
१२.फूलफटक घाम - खिली खिली चटकीली धूप
१३.बढ़ौल - बढ़ेगा
१४.फांक - पंख
१५नड़क - डांठ
१६.आंग - बदन
१७.निझछत - पूरी तरह से भीगे
१८.भिझनी - भीगते हैं
९.रोजमर्राक - नित्य, प्रतिदिन की।

(इसमें हास्य का पुट देने के लिए मैंने बादलों के लिए "बद्रीदत्तज्यू लिखा है कोई अन्यथा न लें।)

अरुण प्रभा पंत 

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