मैंस‌ ‌शराबि‌ ‌तो‌ ‌स्यैणि‌ ‌के‌ ‌करो?

कुमाऊँनी लेख-मैंस‌ ‌शराबि‌ ‌तो‌ ‌स्यैणि‌ ‌के‌ ‌करो? Kumauni Lekh if husband is alcoholic then wife should not balamed

 मैंस‌ ‌शराबि‌ ‌तो‌ ‌स्यैणि‌ ‌के‌ ‌करो?‌

(लेखक-पूरन‌ ‌चन्द्र‌ ‌काण्डपाल‌)

शराब‌ ‌क‌ ‌विरोध‌ ‌में‌ ‌पैली‌ ‌लै‌ ‌कएक‌ ‌ता‌ ‌चिठठी‌ ‌में‌ ‌जिगर‌ ‌है‌ ‌रै।‌ ‌जब‌ ‌क्वे‌ ‌स्यैणि‌ ‌क‌ ‌मैंस‌ ‌पियक्कड़‌ ‌है‌ ‌जांछ‌ ‌तो‌ ‌वील‌ ‌के‌ ‌करण‌ ‌चौंछ,‌ ‌आज‌ ‌कि‌ ‌चिठठी‌ ‌में‌ ‌य‌ ‌बात‌ ‌कि‌ ‌चर्च‌ ‌करण‌ ‌चान।‌ ‌ हम‌ ‌सब‌ ‌जाणन‌ ‌कि‌ ‌क्वे‌ ‌लै‌ ‌स्यैणि‌ ‌क‌ ‌बाप.‌ ‌मैंस.‌ ‌या‌ ‌च्यल‌ ‌शराब‌ ‌पींछ‌ ‌तो‌ ‌मुसीबत‌ ‌हर‌ ‌हाल‌ ‌में‌ ‌एक‌ ‌च्येलि,‌ ‌स्यैणि‌ ‌या‌ ‌मै‌ ‌मैं‌ ‌झेलण‌ ‌पड़ी।‌ ‌जो‌ ‌स्यैणि‌ ‌क‌ ‌मैंस‌ ‌पियक्कड़‌ ‌है,‌ ‌जांछ‌ ‌तो‌ ‌स्यैणि‌ ‌पर‌ ‌क्ये‌ ‌गुजरी‌ ‌य‌ ‌केवल‌ ‌उ‌ ‌स्यैणि‌ ‌जाणि‌ ‌सकीं।‌ ‌शराबी‌ ‌ मैंस‌ ‌दगै‌ ‌जुझि‌ ‌बेर‌ ‌आपणि‌ ‌जिन्दगी‌ ‌और‌ ‌घर‌ ‌बचूणी‌ ‌वीरांगनाओं‌ ‌के‌ ‌आज‌ ‌कि‌ ‌य‌ ‌चिट्ठी‌ ‌समर्पित‌ ‌छ।‌

स्वभाव‌ ‌ल‌ ‌हरेक‌ ‌स्यैणि‌ ‌चौंछ‌ ‌कि‌ ‌वीक‌ ‌मैंस‌ ‌वीक‌ ‌नखार‌ ‌उठो,‌ ‌वीकि‌ ‌खुशामत‌ ‌करो,‌ ‌रुठण‌ ‌पर‌ ‌उकै‌ ‌मनो,‌ ‌वीकि‌ ‌परवा‌ करो,‌ ‌वी‌ ‌पर‌ ‌आकर्षित‌ ‌रो‌ ‌और‌ ‌वीकि‌ ‌हर‌ ‌बात‌ ‌मैं‌ ‌मानो।‌ ‌एक‌ ‌चुस्त-दुरुस्त,‌ ‌फुर्तिल,‌ ‌योग्य,‌ ‌तंदुरुस्त,‌ ‌सब‌ ‌ऐबों‌ ‌है‌ ‌दूर,‌ ‌सब‌ ‌गुणों‌ ‌ल‌ ‌भरपूर,‌ ‌सुन्दर‌ ‌मैंस‌ ‌कि‌ ‌कामना‌ ‌सबै‌ ‌स्यैणिय‌ ‌आपण‌ ‌मन‌ ‌में‌ ‌करनीं।‌  यैक‌ ‌विपरीत‌ ‌जब‌ ‌क्वे‌ ‌स्यैणि‌ ‌क‌ ‌शराबि‌ ‌मैंस‌ ‌दगै‌ ‌पल्लू‌ ‌बदी‌ ‌जो‌ ‌तो‌ ‌यै‌ ‌हुणि‌ ‌विषम‌ ‌परिस्थिति‌ ‌कई‌ ‌जाल‌ और‌ ‌य‌ ‌परिस्थिति‌ ‌दगै‌ ‌निबटण‌ ‌क‌ ‌लिजी‌ ‌उक‌ ‌असाधारण‌ ‌ बनण‌ ‌पड़ल‌।‌  असाधारण‌ ‌अर्थात‌ ‌अथाह‌ ‌धैर्य‌ ‌और‌ ‌भौत‌ ‌हिम्मत‌ ‌आपू‌ ‌में‌ ‌जुटूण‌ ‌पड़लि‌।‌ ‌यास‌ ‌स्यैणिय‌ ‌आपणि‌ ‌घर-‌ ‌कुड़ी‌ ‌क‌ ‌रथ‌ ‌कैं‌ ‌बरबादी‌ ‌है‌ ‌बचौ‌ ‌बेर‌ ‌सुखद‌ ‌जीवन‌ ‌कि‌ ‌तरफ‌ ‌मोड़ि‌ ‌ल्हिनी।‌

शराब‌ ‌कि‌ ‌लत‌ ‌रूपी‌ ‌जंजीर‌ ‌में‌ ‌जकड़ी‌ ‌हुयी‌ ‌कुछ‌ ‌यास‌ ‌मैंस‌ ‌लै‌ ‌हुनी‌ ‌जनू‌ ‌पर‌ ‌स्यैणि‌ ‌क‌ ‌धैर्य,‌ ‌सहिष्णुता‌ ‌और‌ ‌प्रार्थना‌ ‌का‌ जरा‌ ‌लै‌ ‌असर‌ ‌नि‌ ‌पड़न‌ ‌द्य‌ ‌येसि‌ ‌हालत‌ ‌में‌ ‌स्वैणि‌ ‌क्ये‌ ‌करो?‌ ‌वी‌ ‌पर‌ ‌वीक‌ ‌करीबी‌ ‌लोग‌ ‌य‌ ‌लांछन‌ ‌लै‌ ‌लगू‌ ‌हैं‌ ‌ठाड़‌ ‌छीं‌ ‌कि‌ ‌उ‌ आपण‌ ‌मैंस‌ ‌कैं‌ ‌समाइ‌ ‌नि‌ ‌सबै‌ ‌रइ।‌ ‌येसि‌ ‌हालत‌ ‌में‌ ‌भौत‌ ‌सयंम‌ ‌कि‌ ‌जरूरत‌ ‌छ‌ ‌।‌ ‌क्वे‌ ‌लै‌ ‌किस्म‌ ‌क‌ ‌झगड़,‌ ‌अनशन‌ ‌या‌ ‌द्वन्द‌ ‌ल‌ ‌त‌ ‌पारिवारिक‌ ‌कलह‌ ‌बढ़ते‌ ‌जाल।‌ ‌शराब‌ ‌और‌ ‌गुस्सा‌ ‌क‌ ‌दुखित‌ ‌करणी‌ ‌यास‌ ‌अनेकों‌ ‌उदाहरण‌ ‌छीं।‌ ‌जब‌ ‌क्वे‌ ‌नश‌ ‌क‌ ‌प्रभाव‌ ‌में‌ ‌हुंछ‌ ‌तो‌ ‌उ‌ ‌शराब‌ ‌या‌ ‌आपणी‌ ‌|‌ ‌बुराई‌ ‌सहन‌ ‌नि‌ ‌करि‌ ‌सकन‌ ‌भलेही‌ ‌वीक‌ ‌पुर‌ ‌विनाश‌ ‌हैजो।‌ ‌

कुछ‌ ‌टोटका‌ ‌मास्टरों‌ ‌ल‌ ‌लै‌ ‌यास‌ ‌दुखित‌ ‌स्यैणियों‌ ‌मैं‌ ‌भैम‌ ‌क‌ ‌चक्कर‌ ‌में‌ ‌डाइ‌ ‌रौछ‌‌। ‌ ‌उनुकैं‌ ‌नीम-हकीम,‌ ‌झाडू–‌ ‌मंतर‌ ‌जास‌ ‌टोटकों‌ ‌मैं‌ ‌अपनूण‌ ‌कि‌ ‌सलाह‌ ‌दिनी।‌ ‌यैल‌ ‌समस्या‌ ‌सुलझण‌ ‌क‌ ‌बजाय‌ ‌ज्यादै‌ ‌उलझि‌ ‌गे‌।‌ ‌ टोटकों‌ ‌ल‌ ‌मैंस‌ ‌‘वश'‌ ‌में‌ ‌नि‌ ‌है‌ ‌सकन‌ ‌।‌ ‌मैंस‌ ‌के‌ ‌वश‌ ‌में‌ ‌करण‌ ‌क‌ ‌सबूं‌ ‌है‌ ‌ठुल‌ ‌रामबाण‌ ‌तरिक‌ ‌छ‌ ‌प्यार‌ ‌क‌ ‌।‌ ‌असहाय,‌ ‌निराश‌ ‌और‌ ‌तनाव‌ ‌दगै‌ ‌जुझणी‌ ‌यास‌ ‌स्यैणियों‌ ‌ल‌ ‌प्यार‌ ‌ल‌ ‌य‌ ‌समस्या‌ ‌दगै‌ ‌निबटण‌ ‌चौंछ‌ ‌।‌ ‌प्यार‌ ‌रूपी‌ ‌य‌ ‌रामबाण‌ ‌ल‌ ‌भौत‌ ‌स्वैणियों‌ ‌के‌ ‌फैद‌ ‌हैरौ।‌ ‌विषम‌ ‌परिस्थितियों‌ ‌में‌ ‌खुश‌ ‌राण‌ ‌या‌ ‌हंसण‌ ‌आसान‌ ‌न्हैति‌ ‌।‌ ‌य‌ ‌उसै‌ ‌छ‌ ‌जस‌ ‌क्वे‌ ‌हमूकै‌ ‌स्यूड‌ ‌बुड़ो‌ ‌और‌ ‌रूण-चिल्लाण‌ ‌क‌ ‌बजाय‌ ‌हंसण‌ ‌कि‌ ‌बात‌ ‌करो‌।‌ ‌ यस‌ ‌करण‌ ‌कठिन‌ ‌छ‌ ‌पर‌ ‌करण‌ ‌पड़ल‌ ‌किलै‌ ‌कि‌ ‌उकैं‌ ‌आपण‌ ‌डूबणी‌ ‌जहाज‌ ‌कैं‌ ‌बचूण‌ ‌छ।‌

य‌ ‌समस्या‌ ‌क‌ ‌एकमात्र‌ ‌हल‌ ‌छ‌ ‌कि‌ ‌अगर‌ ‌स्यैणि‌ ‌य‌ ‌ठान‌ ‌ल्यो‌ ‌कि‌ ‌उ‌ ‌आपण‌ ‌मैंस‌ ‌कैं।‌ ‌ शराब‌ ‌रूपी‌ ‌सौत‌ ‌है‌ ‌अलग‌ ‌करि‌ ‌बेरै‌ ‌चौन‌ ‌ल्येलि‌ ‌तो‌ ‌उकै‌ ‌एक‌ ‌निश्छल‌ ‌रणनीति‌ ‌बनूण‌ ‌पड़लि‌ ‌जैक‌ ‌अंजाम‌ ‌दी‌ ‌हुणि‌ ‌उकै‌ ‌खुद‌ ‌आपूं‌ ‌मैं‌ ‌तयार‌ ‌करण‌ ‌पड़ल‌।‌ ‌विनम्रता,‌ ‌शालीनता,‌ ‌सहनशीलता‌ ‌और‌ ‌समर्पण‌ ‌क‌ ‌भाव‌ ‌ल‌ ‌हिम्मत‌ ‌करि‌ ‌आपणि‌ ‌हार‌ ‌नि‌ ‌मानते‌ ‌हुए‌ ‌आपण‌ ‌पियक्कड़‌ ‌मैंस‌ ‌कैं‌ ‌सही‌ ‌बाट‌ ‌में‌ ‌ल्योण‌ ‌पड़ल‌ ‌।‌ ‌आपण‌ ‌मैंस‌ ‌दगै‌ ‌शराब‌ ‌नि‌ ‌पीण‌ ‌कि‌ ‌बात‌ ‌तब‌ ‌करण‌ ‌पड़लि‌ ‌जब‌ ‌उ‌ ‌शराब‌ ‌में‌ ‌नि‌ ‌डूबी‌ ‌हो‌ ‌।‌ ‌नश‌ ‌में‌ ‌डूबी‌ ‌हुई‌ ‌हालात‌ ‌में‌ ‌शराब‌ ‌नि‌ ‌पीण‌ ‌कि‌ ‌बात‌ ‌करण‌ ‌आग‌ ‌में‌ ‌घ्यू‌ ‌डावण‌ ‌वालि‌ ‌बात‌ ‌हइ।‌ ‌स्यैणि‌ ‌मैं‌ ‌ऊँ‌ ‌क्षणों‌ ‌कि‌ ‌तलाश‌ ‌करण|‌ ‌पड़लि‌ ‌जब‌ ‌वीक‌ ‌मैंस‌ ‌वीकि‌ ‌बात‌ ‌मैं‌ ‌ज्यादै‌ ‌है‌ ‌ज्यादै‌ ‌सुणि‌ ‌सको।‌ ‌स्यैणि‌ ‌क‌ ‌उ‌ ‌वातावरण‌ ‌बनूण‌ ‌पड़ल‌ ‌जमें‌ ‌य‌ ‌पटरी‌ ‌बै‌ ‌उतरी‌ ‌मैंस‌ ‌दुबार‌ ‌पटरी‌ ‌पर‌ ‌ऐ‌ ‌जो।‌ ‌स्यैणि‌ ‌में‌ ‌यत्‌ ‌ताकत‌ ‌हिछ‌ ‌कि‌ ‌उ‌ ‌परिवार‌ ‌के‌ ‌टुटण‌ ‌है‌ ‌बचौ‌ ‌बेर‌ ‌नना‌ ‌क‌ ‌भविष्य‌ ‌ध्यान‌ ‌में‌ ‌धरनै‌ ‌आपण‌ ‌मैंस‌ ‌के‌ ‌शराब‌ ‌कि‌ ‌लत‌ ‌है‌ ‌छटै‌ ‌सकीं‌ ‌और‌ ‌सावित्री‌ ‌बनि‌ ‌बेर‌ ‌उके‌ ‌शराब‌ ‌ल‌ ‌मरण‌ ‌है‌ ‌बचें‌ ‌सकी‌।

पूरन चन्द्र काण्डपाल, 
पूरन चन्द्र काण्डपाल जी द्वारा उत्तराखंडी द्विमासिक पत्रिका "कुमगढ़" मई-जून-२०२० से साभार
फोटो सोर्स: गूगल

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