पितरों चिट्ठी वित्तमंत्री ज्यू नाम

 कुमाऊँनी कविता - या पितर पक्ष में बोनस बांटिया। या फिर सोल शरादन में फ्री राशन काटिया।  Kumauni Kavita - Pitaron ki chitthi


पितरों चिट्ठी वित्तमंत्री ज्यू नाम
रचनाकार: तारा पाठक

पोरबेरा शरादन में मंत्री ज्यू
के चहल पहल नि रै।
जसि जै सोचि राखछी
उसि जै सेवा टहल नि रै।
के खरिदण छ, कस खरिदण छ
च्याल -ब्वारी हिसाप लगूणैं में रईं।
किलो सामान आद्दु में, आद्दु किलो
पौ भरि में घटूणैं में रईं।
पैंली बटी घ्यू दि जगूंछी
अल्बेर रिफाइंड ल्यूंणी।
घ्यु तेल है ठुलि श्रद्धा पितरो
प्लीज डॉन्ट माइन्ड कुणी।

दूदा जाग लै पाणी खीर।
पिण्ड वस्त्रा जाग लै द्वि इंचै चीर।
पातइ में जम्मै मुलै मुल छी।
सित में आलू रुलै रुल छी।
तोर्यां -गाब ना बदाव बैगण ओस्या।
रैत -खट्टै बदाव अचार बज्या।
बदामा जाग लै खुमानी गुठ्याल।
काकाड़ा जाग लै खुश्यालै खुश्याल।
और सालन पुरि पकवान।
अल्बेर र्वाट खवै गीं।
जे बजी रौ हुन्योल उ बी पी।
वी बार में लै समझै गीं।

तुमुहुं बिनती करनूं
जोड़ि बेर हात।
बजट अघिल साल बणाला
नि भुलिया हमरि बात।
या पितर पक्ष में
बोनस बांटिया।
या फिर सोल शरादन में
फ्री राशन काटिया।
हम त भयां सोल दिना मेहमान।
नि पुजया चीजों भौ असमान।

फोटो सोर्स गूगल

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