शकुनाखर (स्यौं पुजणक् गीत)
तारा पाठक (आमा कोचिंग सैंटर)
स्यौ पुजो ,स्यौ पुजो ,पूजी सेवा,
हरिया गोबर लीपूं सेवा,
पिंहला ऐपण थापूं सेवा।
स्यौ पुजो सीता देही,
स्यौ पुजो बहूराणी पूजी सेवा,
हरिया गोबर लीपूं सेवा,
पिंहला ऐपण थापूं सेवा।
स्यौ पुजो (परवारा सुहागिलियों- सुंदरी, मंजरी, खंजरी नाम) पूजी सेवा,
हरिया गोबर लीपूं सेवा,
पिंहला ऐपण ,थापूं सेवा।
(शुभकाज में च्यला बर्यात आई बटी द्वार मात्री पुज करि बेर पटागंण में तुलेसी डाव कैं रंग्वाई पिछौड़ ढकै बेर पुज करनी फिर सबै जनानी हातन में ग्यूं पिसी ल्हीबेर उ तुलेसि देबि कैं चढूंनी ,गिदारी यो गीत गानी ।स्यौ पुजणैं रीत वी घरों में हैं जनार यां पैंली बटी चली आई छ,जसी घुघुत कै कै टुटि गया उं नि बढू़न उसीकै स्यौ पुजण लै टुटि गई फिर नि पुजन।)
फोटो सोर्स गूगल

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