
"तड़ि में तराण" वरिष्ठ साहित्यकार त्रिभुवन गिरी ज्यू
कुमाउनी इंटरव्यू ©हमार कुमाउनी रचनाकार【15】
प्रस्तुति: राजेन्द्र ढैलामित्रो, मैं आज आपूं सब लोगनक् परिचय करूंण लाग रयूँ हमार वरिष्ठ साहित्यकार, कवि,लेखक, रंगकर्मी महराज त्रिभुवन गिरी ज्यू दगड़ी। जनर पूर्व में नाम राजेंद्र सिंह बोरा छी। संन्यास ल्हिणाक बाद इनर नाम त बदलि गो पर इनर काम कुमाउनी बोलि-भाषा, साहित्य और संस्कृतीक विकास में निरंतर चलि रौ। इनर जन्म 11 पैट कार्तिक संवत् 2002 (28 अक्टूबर सन 1946) हूँ ईजा कुंती देवी व बौज्यू श्री हर सिंह बोरा ज्यू वाँ ग्राम-ऐंचोली, डाकघर-जलना, विकास खंड-लमगड़ा (अल्माड़) में भौ। इनून शिक्षा रूप में हिंदी साहित्य बटी एम ए करौ। इनर कार्य क्षेत्र बैंक रौ। जमें यो सन 1972 में लागी और सन 2007 में सेवा निवृत्त भयी।
प्रस्तुत छन इनन् दगै बातचीताक बाड़ दिलचस्प अंश...
सवाल01◆ महराज ज्यू उ तीन मनखीनों नाम बताओ जनरी जीवनी और कार्य आपूं कें हमेशा प्रेरणा दिनी?
जवाब● स्व.चारूचंद्र पांडे ज्यू जो हमार हिंदी'क मासाब लै छी। उननकें पैल मानूं। दुसर तुलसी दास ज्यू जनून चारूचंद्र मासाब थैं बटी क्यैकै अर्थ नि औण पर हिंदी'क क्लास में कान पकड़वा। तिहर मैं जयशंकर प्रसाद ज्यू कें मानू उनून लै भौत तौया।
सवाल02◆ रचना धर्मिता कब बटी और कसिक शुरू भै कुमाउनी लिखणैकि प्रेरणा कां बटी मिलै?
जवाब● जभत करै हमरि पाकिस्तान दगै लड़ैं भै सन 1965 में। कविता के छी चार गाई छी। आकाशवाणी लखनऊ बटी प्रसारण लै हौछी। चारूचंद्र ज्यूलै आपण घर बुला और बंशीधर पाठक ज्यूल कविता रिकॉर्ड करी। स्व.चारूचंद्र पांडे ज्यू'ई कुमाउनी लेखणा'क प्रेरणा स्रोत छन।
सवाल03◆ आपुण लोकप्रिय मनखी को छन? क्वे एक' नाम बताओ।
जवाब● लोकप्रिय मनखी स्व.बृजेन्द्र लाल साह (बिरेन दाज्यू) छन।
सवाल04◆ आपुण खास शौक के-के छन?
जवाब● गरीबील के शौक पैदै नि हुण दी। पेंटिंग करंछी कभै, आजी लै करूं। लोकगाथान पर नाटक लेखणक् शौक जै जरूड़ छू।
सवाल05◆ आपूंल कुमाउनी साहित्याक को-को विधाओं में आपणि कलम चलै राखै और आपुणि लिखणैकि मनपसंद विधा कि छ?
जवाब● कविता, गीत, कहानि, उपन्यास और नाटक।
खंड काव्य लिखण में भल लागौं।
सवाल06◆ आपुण जिंदगी'क एक यादगार किस्स बताओ जो सबन दगड़ी साझा करण चाँछा?
जवाब● के न्हैंतीन यस।
सवाल07◆ अछा आपुण हिंदी और कुमाउनी में प्रकाशित किताबों नाम के-के छन?
जवाब● 'बांजि कुड़िक पहरू' (कुमाउनी प्रबंध काव्य), 'क्या पहचान प्रिया की होगी' (हिंदी खंड काव्य), 'कल्याण' (कुमाउनी उपन्यास), 'सुरजू कुंवर' (कुमाउनी नाटक संग्रह), 'भेट' (कुमाउनी कविता संग्रह), 'भाना गंगनाथ' (कुमाउनी खंड काव्य), 'गोरिल' (कुमाउनी महाकाव्य)। और
●पुरवासी पत्रिका में उप संपादक छुं। बालम जनौटी व पोखरिया ज्यू दगड़ी 'तराण' मासिक संपादित करै।
1977 में साइक्लोस्टाइल में हाथा लेखी तीन पत्रिका निकाली।
सवाल08◆ कुमाउनी फिल्म व गीतन में लै भौत जाग आपुण नाम ऊं। उनन में कि-कि करौ?
जवाब● कुमाउनी चलचित्रा लिजी, बलि वेदना में~ गीत, संवाद और अभिनय।
आपण बिराण में~ गीत, कहानि, संवाद, पटकथा और अभिनय।
शिवार्चन में~ संवाद और अभिनय।
पधानी लाली में ~ संवाद।
आईगै बहार में ~ कहानी और अभिनय।
मेघा आ में~ गीत और कहानि।
हिंदी, अभिमान ठुल घरै चेलिक में~ आंशिक अभिनय।
सवाल09◆ आपूं 'त लिखणा'क दगाड़-दगाड़ै अभिनय में लै पारंगत छा जरा वी बा्र में बताला?
जवाब● पचपन-छप्पन बर्षन बटी रामलील करनयूं और मेकअप लै। 42 बरष बै हुक्का क्लब में रामलील करनयूं। बानर, राक्षस बटी ल्हिबेर रावण, मेघनाद, परशुराम, दसरथ, अंगद, हनुमान, मंथरा आदि पाठ सबै खेलि दी। चालीस बर्षों बटी दशहरा में पुतव (पुतला) बणूंनयूं।
सवाल10◆ आपण जिंदगी'क सबन हैं जादे खुशीक एक मौक बताओ?
जवाब● उदिन भौत खुशी भैछ जदिन लखनऊ आकाशवाणी'ल कविता पाठा 30 रूपैं दी। शैद 1965-66 की बात हुनेलि।
सवाल11◆ वर्तमान में के रचनौछा और आपुणि ऊणी वाली क्वे रचना?
जवाब● लोकगाथान पर एक नाटकों सप्तक ऐ सकूं। छापण में सौ घा्न बाजाल। कठिन छु छापण।
सवाल12◆ आपूं हम सब कुमाउनी समाजा लिजी एक सम्मान और धरोहर छा आपुण सम्मान हम सबनौ सम्मान छ। फिरलै आपूं कें आज तक के-के सम्मान और पुरस्कार मिली रयी?
जवाब● 'गोरिल' पैल कुमाउनी महाकाव्य लेखण में पहरू वालान सम्मान देछी। आपूं लोगन'क दगड़ मिलण सबन हैं ठुल सम्मान छु।
●रेडियो आकाशवाणी और दूरदर्शन बटी कविता करणक् मौक ले मिलते रूं।
सवाल13◆ आपण जिंदगी'क मूल मंत्र कि छ?
जवाब● खालि नि रूण चैंन। जसी आपूं सब काम करछा उसै मैं लै करूँ। 'कर्म ही धर्म छ'।
सवाल14◆ आपुण हिंदी और कुमाउनी'क प्रिय लेखक को-को छन एक-एक नाम बताओ?
जवाब● कुमाउनी में शेरदा और हिंदी में मुंशी प्रेमचंद कें भौत पढ़ौ।
सवाल15◆ साहित्य कि छ आपुण शब्दों में बताओ?
जवाब● साहित्य समाजक दर्पण तो भयै, जो समाज कें के दी सकणा अलावा मन कें शान्ति लै द्यूँ।
सवाल16◆ पहाड़ी खाणु में आपण मन पसन्द खाणु के छ?
जवाब● मादिरक दड़-बड़ छसी।
सवाल17◆ नवोदित लेखक व रचनाकारों हूं कि कूंण चाला?
जवाब● हर विधा में लेखणक् प्रयास करण चैं। समाजकि भलाई और बुराई कें उजागर करण धरम समजण चैं।
सवाल18◆ आपूं एक संन्यासी छा। आपूंल संन्यास कब धारण करौ? आपुण घर परिवारा बार में हम जाणन चानूं , आपूं बतूंण चांछा त जरूड़ बताओ हमरि जिज्ञासा छ? संन्यास धारण करणक् मुख्य उद्देश्य के रौ? उबाद लै कुमाउनी बोलि-भाषा,सहित्य और संस्कृतीकि सेवा बार में समर्पित छा?
जवाब● 2008 में संन्यास ल्हे। संन्यास ल्हिणा बाद परिवारा लिजी या यौ संन्यास ल्हिणक कारणा बा्र में के नि कूंण चानी। छपली तो मेरि का्थ में पढ़ि ल्हिया।
जब तक तड़ि में तराण छु कुमाउनी समाज, बोलि और संस्कृति लिजी काम करनै रूंल।
सवाल19◆ क्वे यस काम जो आपूं समजंछा अगर यौ है जांछियो तो भौत भल हुंछी?
जवाब● फौजी बणनै इच्छा मन में रै। फौजी हुनी भलै हुन कै सोचूं। द्वी का्क एक दा्द फौजी रयी।
सवाल20◆ आपण पुर कुमाउनी समाज हूँ क्वे संदेश?
जवाब● कुमाउनी लेखौ-कुमाउनी पढौ। कुमाउनी बलाओ और आपूं कें कुमाउनी समझौ।
सवाल21◆ क्वे यसि बात जो मैंन पुछि न और आपूं सब लोगन दगड़ी साझा करण चाँछा?
जवाब● समाजकि जतू लै है सकैं भलाई करण चैं।
सप्रेम धन्यवाद भुला राजेंद्र
★प्रस्तुति राजेंद्र ढैला, काठगोदाम।
आपसे अनुरोध है कि कलाकार के रूप में ढैला जी की प्रतिभा को जानने के लिए
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