
रूस-यूक्रेन लड़ै
लेखक: विनोद पन्त 'खन्तोली'
जब रूस यूक्रेन लडै कसिके नि थामीणि तो द्विनै लि हमार मोद्दा कें बीच में डाल और विश्व’क नेतानैलि कौय कि- मोद्दा आब तुमै करो हो बीच बचाव। तनैरि तौ कुकुरनैकि जसि काटाकाट कसिके नि रुकणय। हमर मोद्दा लि सुझाय कि पुतिन (पुत् दा और जैलेस्की (जस्सू) द्विये जाणि कति बैठो और आपस में बात करो तो तुमरि लणै रुकि जालि। द्विये पुत् दा और जस्सू समझ ग्याय और दगाड बैठणा लिजी तैयार हैग्याय। तुम सबन कें पत्तै भै दगाड बैठणक मतलब कि हूं। दगाड बैठबेर तो ठुल ठुल समस्या निबट जानेर भाय यो लडै झगड कि भै।
अमेरिका, इंग्लैंण्ड फ्रांस जो काम नि कर सक उ काम दगड बैठ बेर है जानेर भै। आब दगाड बैठणक प्लान बणाई गे। तय करि गोय कि और क्वे नि बुलाई जाल। लेकिन पुत् दा अटक गोय, अगर बैठण छ तो मोद्दा कें ले बैठाओ। उ बिचार तो हमर लिजी प्रोग्राम बणै ल्हिरो।
जस्सू कूण लाग - होय ठीक हैगोय, लेकिन ज्यादे क्वे नि ह्वाल। फिर ज्यादे आदिमन में गजबजाट हैजां। कैकैँणी बाकि हैगे तो यैं उखाई भरी जाल। फिर रनकारन घर पुज्यूण पणौ।
पुत् दा कूण लाग - होय! फिर बदनामी हमरि होलि, तनार दगाड बैठन कौल। फिर तनारन स्यैणी हमन मैक्याल, मोद्दा दगाड तस बबाल के नि भै। एकलकट्टू आदिम भोय अधरात में ले घर जालौ को कि कौल।
आब प्रोग्राम बण गोय - पोलेण्ड’क गध्यार एक पुरांण बांज पडी घट’क कमर में बैठणक ब्यवस्था करी गे। जस्सु एक बोरी लि आय, पुत् दा लि आपुण लिजी पिरूव बिछाय। द्विये बैठ ग्याय, पारा बाखई खडक सिंह क यां बटी एक बरमून्डा रमै कि बोतल ऐगे। पुत् दा डिस्पोजल लाई भोय, गध्यार पन पाणि भये। द्वि पैग बणाई ग्याय।
पुत् दा लि जस्सू छैं कौय - चखना में कि छ?
जस्सू - ओहो, चखना तो भुलि गेयू यार पुत् दा।
पुत् दा - त्यार काम तसै भाय, चल के लि आ फटाफट, मोहन दा दुकान बटी।
जस्सू - छोड यार, देर हैगे। तसै खींचनू.. भ्यैर पन बाग-बाग ले हैरै।
पुत् दा - के नहां यार बाग हाग.. चल फटाफट ला, तब तक मी मोद्दा कें बलूं।
(जस्सू नमकीन लूण न्है गोय, पुत् दा लि मोद्दा कें फोन कर)
जस्सू नमकीन और कुरकुरे पैकेट लि आय। कैपस्टन क डाब ले लि आय।
पुत् दा - यार तू तौ सिगरेट सही लाछै, शराब पीबेर तौ जरूर चैं।
जस्सू - मोद्दा नै पुजै?
पुत् दा - दस मिनट में ऐजूल बल। तब तक तू पैग बणा। वीक उण तक एकाद खींच ल्हिनू।
(आब पैग बण ग्याय, पुत् दा लि एकै सांस में गिलास खालि कर हाल और जस्सू छैं कूण लाग ला आजि हाल।)
दूसर पैग पीबेर पुत् दा कूण लाग - यार मिलट्री माल बढिया हुनेर भै.. झम्म हैरै।
आब मोद्दा पुज तो वां पैग लागणाय, सिगरेटकि धुग्योई देखिबेर गजबजी ग्याय।
मोद्दा कूण लाग - है! रनकारो, कि करनौछा तौ?
पुत् दा - हाय! तुमैलि तो कौ कि द्विये जांणी बैठो कैबेर! हम तो यसीके बैठनू।
मोद्दा - मीलि तो दगाड बैठबेर बात करो कौ.. लणै खतम करो कौ.., तुम तो...... यां गदर्योई कर ल्हिरौछा।
पुत् दा - अरे लणै ले खतम है जालि, तुम पैग ल्हिओ। बणा रे जस्सू एक पटियाला तौ मोद्दा तैं।
मोद्दा - हटो काणिच्यालो.. मी शराब नै पीन्यूं.. तुम ले तौ बोतल हटाओ और लणै रोकणै बात करो..।
पुत् दा - लडाई रुक जाऐगी मोद्दा.. ये जस्सू तो छोटा भुला हुवा मेरा। जान हाजिर ठैरी इसके लिए.. पैग बना जस्सू भुला।
जस्सू - हां पुत् दा, तू ठुल दाद् हुवा.. ले सिगरेट पी।
पुत् दा - हां .. भाई है तू मेरा, लेकिन तू ज्यादा मत पीना हां। चढ जाऐगी तेरे को.. हिक्..।
जस्सू - अरे इतनी दारू से क्या होता है यार पुत् दा। बोतल खतम कर देने वाला हुवा मैं.. अपने भाई को जान्ते नी हो, टैंकर ठैरा मैं..।
पुत् दा - चल एक और मंगा फिर.. पैसे मैं दूंगा.. भाई हुवा तू मेरा।
मोद्दा - तुमन कें चढ गे रे, खैर आपुणि सेना कें आदेश दिओ और यो लणै खतम करो.. फटाफट..।
पुत् दा और जस्सू (भौत कैं कैबेर..) - चल लणाई खतम, हम भाई भाई..
पुत् दा - चल जस्सू.. आज से भाई भाई.. लणाई खतम। कोई तेरे को कुछ बोलेगा तो भाई को बताना। तेरे लिए जान हाजिर ठैरी.. बस तू ये नाटो वालों से बात मत करना। ये साले चोर हैं और वो बाईडेन कांणी का चेला! चोर से कहता है चोरी कर गुसैं से कहता है चेताक् रहना..। भाई है तू इसलिए समझा रहा हूं.. वो बाईडेन साला..!
जस्सू - पुत् दा .. तू बडा भाई है, मां कसम ईज्जत करता हूं तेरी। लेकि बाईडेन दाज्यू के बारे में मत बोलना बता देता हूं।
पुत् दा - आपुणि आम् राखल उ बाईडेन.. जा कह देना उससे।
जस्सू - देख यार पुत् दा, तेरे को चढ गयी.. ज्यादे मत बोलना हां।
पुत् दा - क्या करेगा रे, बोलूंगा! ऐसी तैसी तेरे बाईडेन की। तू भी आ जा, तेरे बाप बाईडेन को ले आ! आ जाओ सालो।
मोद्दा - अरे लड़न किलै लागि रौछा रे.. चलो घर जाओ भोल करुल बात आब।
जस्सू - नही.. अब तो यहीं बात होगी, ये समझता क्या है।
पुत् दा - ऐ जस्सू भागुलि च्याल.. मोद्दा का लिहाज कर रहा हूं। वरना अभी सेक दूंगा तेरे.. पता चल जाऐगा, गध्यार च्याप दूंगा साले।
जस्सू - ऐ गाली मत दे रे पुतिया, बरमान फोड दूंगा।
पुत् दा - तू फचैक खै राखलै ले, जानता नही है तू मेरे को! चार खून कर रखे हैं मैने.. होश में रहना।
जस्सू - तू रह होश में .. मैं डरता नही हूं। तेरे बाप का जो क्या खाता हूं।
पुत् दा - बाप में मत जाना...!
(और एक फचैक जस्सू दा कनबुज में फटाक कैबेर मारि दी)
आब द्विनै में अंग्वाईजित्ती हुण बैठ गे, एक दूसार कें ईज आम कि गाई ठोकण बैठ ग्याय। पुत् दा लि एक बौक्सिग में जसुवाक तीन दांत टोडि हाल। जसुवलि पुतियाक हाथ में दांत काटबेर खुन्योई कर हालि..
मोद्दा - तुमरि कुणि हैजौ ऐकोर! लड़ो तसिके.. म्यार कि जाणौ।
(मोद्दा वापस ऐग्याय.. गध्यारन पुत् दा जसुवकि लणै चालू हैगे)
(फोटो साभार - गूगल)
विनोद पन्त' खन्तोली ' (हरिद्वार), 14-04-2022
M-9411371839
फोटो सोर्स: गूगल
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