किसम-किस्मां मैस

किसम-किस्मां मैस-कुमाऊँनी कविता,kumaoni poem different kinda people,vibhinn prakar ke manusyaon par kumaoni kavita

किसम-किस्मां मैस


सब मैस एकनस्स जै के हुनि,
क्वे ला'ट त क्वै लाट सैप हुनि।
भौत गुणी हुनि क्वे मैस,
क्वे गुणी जास हुनि।
खै बेर थाइ में ध्वैनी क्वे हात,
क्वे भान कुन लै ध्वै दिनि
खाताड़ खिति दिनि क्वे घाम,
क्वे खाताड़ जा खिति रुनि
पड़ि लेखि बे क्वे न्ह जानि भैर,
क्वे माल भितेरै पड़ि रुनि
डबल कमै दुबाव हरुनि क्वे,
क्वे फुल बे आफि डबल हुनि
गेंठि दिनि क्वे लगिल हूँ ठांगर,
क्वे आफि ठांग ठांग है रुनि
बड़ै ल्युनि पी हुणि लोटि में चहा,
क्वे पी बेर आफि लोटि रुनि
किसम किस्मां क छन हो मैस,
क्वे कस्स क्वे कस्स देखि रुनि
सब मैस एकनस्स जै के हुनि।

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