एक ईजाकि पीड़ - असौज फाईनल

एक ईजाकि पीड़ - असौज फाईनल,pahadi mothers views about hectic asauj month,pahadi ija ki asauj mahine ki peeda

एक ईजाकि पीड़ - असौज फाईनल

रचनाकार: सत्यम जोशी

ईजा! बजर पड़ौ यो असौजक महैण! 
राक्षस जसौ! ए जाँछ हर साल।
छाला घामा लागि जाँछि ईजा! 
पत्तै नै चलन रत्तै छै कि ब्याल।।

को काटौल मांगा को बांधौल लुटा।
काम करन करनै ईजा फरकि ग्यान खुटा।।

ईजा को बणाल क्लयौ को पिवाल चाहा
ईजा आब भंगालि फूलौ पट्टै उज्ज नाहा।।

मंडु को माँडौल कौ बताल धान।
यो काम करन करनै निकल जनि प्राण।।

गोरू बाछा अलै जनि पाणि तीस लै।
मैं पापिस टैमे नाहा खेति बाड़ि लै।।

एकुलि प्राणि कि पकूंछि कि खंछि एकुलि।।
ईजा म्योर गुजार करि हालिं मेरि चाहा केतुलि।।

नाति प्वाथा पढ़ि हालौं है जौ उनौर नाम।
बुतिधाणि जै मैं करि ल्ह्यूंलो तू उनौर धरिए ध्यान।।

Copyright‌ ‌@satyam‌ ‌joshi‌ ‌Didihat‌ ‌Pithoragarh
सत्यम जोशी जी के फेसबुक प्रोफाइल पर जायें

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ