याद - कुमाऊँनी कविता

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याद

रचनाकार: जोगा सिंह कैड़ा

गाड़ गद्यारा डानां  पातला
बाण बाणी का चाड़ बासला
डान काना बुरुशि फुलैली
चैत बैशाख काफल पाकला।

होइ, दिवाइ, तीज, त्यौहारा
रंगील चैत,  रंगील  पहाडा
घास, घस्यारी,  हरीं स्यारी
सौण, भदो, भरियाल गद्यारा।

जेठ मैहैना स्वर्ग समान
माँ पूष चाहा सगड़ि प्राण
अषाड़ रौप असोज कटाई
फागुन फाग फूल फुल्यांण।

माघ पूषा बरफिल पहाड़ा
तापनी आग भगौनि जाडा
जेठ आला फल फूल खाला
याद कर ला म्योर पहाडा।

जोगा सिंह कैड़ा, 17 01 2016

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