
हे त्रिपुरारी, हे हितकारी
कुमाऊँनी भजन
रचनाकार: हीरा बल्लभ पाठक
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शिवज्यु! तुम भोला भण्डारी
नाग भूषण, भस्मी लेपन्
और करि दिनेर् भ्या विषपान
शिवज्यु तुम भोला भगवान्।
तुम त् जग हितकारी
गिरिजापति कैलाशवाशि
सब्बै द्याप्तोंक् द्याप्त भया
को करि सकूँ तुमरि बराबरी।
तुमत् औढरदानी भया
रावणादि राकशुं कैं लै
वरदान दिन्येरै भया
हनुमान बंणि लंक जै बेर
वीकैं डरै लै दिनेर् भया।
त्रिनेत्र धारी भौत्तै गुस्सैल्
हे भोलेनाथ! कूंण पार
खुशि है जनेर् भया
हे भोला भण्डारी
हमरि करो रखवारी
हम छूं शरण तिहारी
रक्षा करौ रक्षा करौ
हे त्रिपुरारी, त्रिशूलधारी।
तुम छा जगत् हितकारी
हमत् नर-वानर भय्
हात् जोड़ि स्यौ लगूंनू
देवभुमिक् मान धरौ
"निर्मल" हमौर् मन कैं करौ
हे त्रिपुरारी, हे हितकारी, हे त्रिपुरारी।
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हीरावल्लभ पाठक (निर्मल), 27-07-2020
स्वर साधना संगीत विद्यालय लखनपुर,रामनगर

हीरा बल्लभ पाठक जी द्वारा फेसबुक ग्रुप कुमाऊँनी पर पोस्ट
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