
-:पैल्लियैक खाण और आजौक भ्यारौक खाण:-
लेखिका: अरुण प्रभा पंत
आज जब म्यार पिलेट में डोसा आ
मकं फाम ऐगे हमार चांवलाक
छोलि र्वाटनेक और आलु गुटुक नैक
हम खट्टै रैत लै दगाड़ में खानेर भयां
फरक भौय हमार छोलि र्वाट
मात्र चावलाक, हल्क म्वाट और नानभाय
आजौक जमान छु प्रचारित करणौक
हम आपण खान-पान प्रचारित नि कर सकां
चलौ क्वेनि भै बात पर ह्यालतौ नि करौ भाऊ
हमौर पांच दालनौक रस के कम छु
सूप सूप कुंछा भाऊ, बिस्वार हालि सागै तौ भौय
जथैं टिमाटरौक रस कुंछियां वीभौय
आजौक फ्रैश टमेटोसूप इजौ बणई
पंचमेल दाल हमरि मिलई जुलई दाल
हमौर जौल होटलौक रिजौतौ भौय
बेड़ु र्वाट 'भरवां रोटी' बासि पिसुवौक
रोट साग भरि भ्याराक कुलचे हैग्याय
मिलई जुलई साग भौय मिक्स्ड वैज
चुलौक रोट असल तंदूरी रोटै तो भौय
फरक इतुकै छु कि हम हर लुणि खाण
हल्दैल हालि पकूनू स्वस्थ्यवर्धक बणूनू
सजूण,देखणछाल करणैक हमन कं
न सार न शौक बस प्यारैल परोस दिनूं
रिश्यार पकूंण तो जाणु पर बिन दिखावा।
समझौ तौ स्वादे स्वाद नि समझौ तौ हमौर अज्ञान।
मौलिक
अरुण प्रभा पंत
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