
त्युलै जैन कि कर ली
रचनाकार: राजू पाण्डेय
देश जाइ, पढ़ी लेखी
त्युलै जैन कि कर ली
त्वहै निको त
पलि धारो ज्मन्या र
न पढ़ना लेखना में
बाज्यू रूपायो ढैल खर्च करयो
न कुडी लगुन मे
बैंक है द्यू पैसो कर्ज करयो
दिन भरि नेता ज्यू बठे लागि रुंछ
गौं का दुःख सुख में लै भागि रुंछ
बना ठूला ठूला रूखो थेचि दिननौ
ऊत ढुङ्गो माटो लै बेचि दिननौ
जागा जागा खूब सेटिंग कररा
बगडे बजरी आपना घर भररा
और कि कि बतु कुछ्छे
बजार बै यैकि जीप में बैठी उछ्छे
यैले पहाड़ो खोपि खोपि
आपनो घर भरी ली
देश जाइ, पढ़ी लेखी
त्युलै जैन कि कर ली
~राजू पाण्डेय, 06-07-2020

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