कुमाऊनी में ऐसी लै

कुमाऊँनी भाषा में वार्तालाप, शहरों में अंधड़ - Kumaoni conversation about dust storm, Kumaoni vartalaap andhad

-:कुमाऊँनी में ऐसी लै:-

लेखिका: अरुण प्रभा पंत

ओहो भौतै जोरौक अंधड़ आहो साफ करनकरनै कमर पटै गे।  यो त्योर डाब जौ घर पुर धूल धक्कड़ैल भरी गोछी।  आय मैल एक फ्यार और साफ करण छु।  रूण दे इजा यां गर्मीन में ऐसै आंधि उनै रैं, हमार पहाड़ में द्यो, रूढ़, ह्युंन सबै पड़नेर भै पर ऐस तूफान धूल भरी आंधि नि उनेर भै।  मैं तो बेलि रात रणी गयूं।  खिड़की लै बंद करीं फिर लै धूलै धूल।

यां इजा, बोट दणकैं हाली, बोटनाक जाग में मैसनाक लिजि सड़क मकान दुकान बण ग्याय तबै इतु धूल भरी हौ चलैं अत्ती गरम है गयो तो हमेशा ऐसै हुं फिर द्योक छिंट लै पड़नी।  होय, द्योक छिंटनैल कच्यार लै है गो औरी बात। जे लै कौ हमौर पहाड़ रूणाक वास्ते एक नम्बर, मुणी रोजगार और दवाय पुड़ि लै सुविधानुसार मिल जानी तो किहुं उना हम यां?  गौव सुक गो, एक तोप चहाक बणै दे धैं जरा, अत्ति पटै लाग गे, एक तौ यो अंधेर ♨️ गरम।

अब इस वार्तालाप से कठिन और कुछ लुप्तप्रायः शब्द सीखें:---
१.  गोव -                गला
२.  एक तोप चहा-   यह एक तरीका है कहने का कि 'थोड़ी चाय'
३.  अत्ति पटै    -      बहुत थकान
४.  अंधेरगरम   -     बहुत गरम
५.  किहूं उना   -     क्योंआते
६.  दवाय पुड़ि-       स्वास्थ्य सुविधा
७.  मुणी रोजगार-   थोड़ा रोजगार
८.  द्योक छिटन्हैल-  वर्षा के छींटें
९.  कच्यार      -       कीचड़
१०. अंधड़      -        आंधी
११. द्यो          -         बारिश
१२. ह्यूंन      -         जाड़े
१३  रूढ़        -        गर्मी
१४. दणकैहालीं-     काटे गये
१५. एकफ्यार  -      एकबार
१६. धूलधक्कड़ैल - धूल से
१७. रूंण दे      -    रहने दो
१८. बेलि रात    -    कल रात।

मौलिक
अरुण प्रभा पंत 

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