
कोरोना कें हरूंण छू
रचनाकार: नवीन जोशी नवेंदु
ऐरौ दुनीं में कोरोना, भुती रौ दुनी में कोरोना
जागर लगाओ यै कैं भजूंण हुं
भजूंण पड़ल इकैं
पर इकैं भजूंणक तरिक उस न है सकन
जसी द्याप्तन कैं जगूंनीं
उसी-जसी भूतन, छौवन कंे भजूंनीं
किलकि यो छू रक्तबीज
जां-जां भिं में झड़नीं यैक रक्तबीज
ठा्ण है जांनी यै है लै सकर,
बांकि,
जांणि कतुकप रक्तबीज
यैक इलाज बस एकै छू
यै कैं भजूंणौक उपाय बस वी छू
जो बताई जै रौ दुर्गा सप्तशती में
जो पढ़ी जैं नौर्तन में
जसी मारौ माता दुर्गाल रक्तबीज कें
जसी न झड़ण दि रक्तबीजक ल्वे भिं में
उसीकैं यैक रक्तबीज लै
न झड़ण दिंण पड़ाल आपंण पहाड़,
आपंण देवभूमि में।
यो छु मानवताक भष्मासुर
यकें आपूं कें ठौक लगूंण झन दिया
यैक ढीक झन जाया
जो लागि गेई काईं यैक संक्रमित में ठौक
जो न्है गयां कांई यैक ढीक
कर द्यल य भसम
हमूंकैं ई नैं,
पुरि मानवता कैं।
पैली कांई घर है भ्यार जाया झन,
इथ-उथ हाथ टेकिया झन
खास बिरादरी, मितरामी में लै
रया दूर-दूरै
जरूरी इथ-उथ जांण पड़ौ
मूंख में लगाया मास्क, हातन में दस्तान,
फिर लै जो कांई टेकी गयो हात
हात ध्वे ल्हिया
खासकर आंख, नाक, कान में खाजि-खजै लगूंण
खांण खांण है पैली
हाथ जरूरै ध्वे ल्हियां सापणैल
20 सेकेंड तलक साफ करिबेर
करते रया तीन है पांच मिनट लूंण-पाणिक गरार
पीते रया गरम पांणि, चहा
कि दूध में हल्द खिति बेर
बुड़-बुड़्यांक धरिया खास ध्यान
न निकलंण दिया उनूंकैं घर है भ्यार
फिर लै जो ऐ जाओ तेज जर,
सुकि खांसि,
सांस ल्हिंण में असज
सिद्द फोन में 104 नंबर मिलाया,
अस्पताल जाया
भ्यार बै आईनैकि जानकारी लै यै नंबर पारि दिया
और के करंणक जरवत न्हैं
याद धरो
हम वीरभूमिक वीर च्याल-च्येली छां
लाम में दुश्मणोंक दांत खट्ट करिणियोंक भै-बैंणी छां
आज छु मौक
घर में भैटि बेर
देश सेवा करणौक
तो संकल्प ल्हियो
करुंल हम करोनाक लै जड़मेट
घर बै भ्यार न निकलूंल
कै कैं ठौक नि लगूंल
घर में रूंल
और कोरोना कैं हरूंल।
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राष्ट्रीय सहारा कार्यालय, पॉपुलर कंपाउंड, मल्लीताल, नैनीताल।
पिनः 263002। उत्तराखंड।
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