
-:इज और च्योल:-
भाग-३
लेखिका: अरुण प्रभा पंत
(भाग-०२) से आगे
खैर इज तो मेरि छू 'सबनैक शुणौ करौ आपणि'पर अमल कर भोलै हुं लिजानु मैं इज कं। चलौ पैल्ली टांजपांज कर सब सामान जाग पर करनूं फिर सब तंग्यारी कर पैल्ली तौ डबलनौक हिसाब देखनू और वां आपण दगड़ू छनै छु, मैनेजर थैं मैल बात करी हाली। बगलैक नंदी बोज्यून कं गोर सौंप बेर भोलै हिट दिनू देर करणैक के मतलबै नि भौय। इज कं ठीक हुण दियौ, मैल आपण इज कं कलपते हुए जीवन बितूण देख राखौ, वीक मिहनत और हिम्मतैल मैं ठाड़ भयूं ऐस मैं आपण बाबू कं लै देखुन। उननकं लै मेरि इज कं हरजान दिणै पड़ौल पर के उ मेरि इजौक एक एक पल, क्षण लौटै सकनी?
इज कं खाण खवै, दूध पेवै, वीक खोर कनैं बेर खुटन में तेल लगै बेर पड़ै दे पर ताराचन्द्र कं नीनै नि ऐ। उकं आपण इजौक नाख नथ्थ लगयी, रंग्वालिक पिछौड़ पैर बेर पुज करण, सदा सोमवाराक बर्त करण और हर दिन बाबुक थाय (थाली) लगै बेर उकं भगवानाक मुखतिर धर बेर वी थाय बटिक खाण खाते मैल सदा देखौ। मैं जब पुछन छी बाबुक बार में तो उ हमेशा यै कुनेर भै कि उं भौत ठुल काम करणयी उनार बार में गट (बुरा) झन सोचिए चेला ,उ पूजनीय भाय। उनारै प्रसाद हम द्वि र्वाट खांणयां।
सबै हमार परिवार वालनैक पुर बाखयिक ध्यान धरणी सबनौक नक भल में ठाड़ हुणी मेरि इजैक उ सब भलि फसक तौं सब भुला गेयीं और मैथैं आपण इजैक ऐस हालत में उकं छाड़ि दिणैक सलाह दिणयी।शायद तौं यो भुल गेयी कि मैलै आपण इजौक च्योल छुं आपण ध्वाकबाज बाबुक औलाद मैं न्हांतु आपण इज कं समझनू, ऐस बिचार करन करनै कब वीक आंख लागीं पत्तै नि चल और जब मोबाइल में टैक्सी वालौक फोन आ कि एक घंट में पुजणयुं तब मैं अल्बलानैं उठ्यूं और सब नित्य कर्म कर इज कं तंग्यार करौ इजैकि लटि बणै इजाक मुख में क्रीम लगा तब तक नंदी बोज्यू हमन हुं चहा चपैण दिगे।बाट हुं लै एक डाब में पुरि आल दिगे। भौत भल स्वभाव छु नंदी बोज्यूक ,म्यार मन में उनार प्रति सदा सम्मान रौल।
गौं में सब प्रकाराक मैस भाय और सब आपण हिसाबैल बात करनेर भाय,ऐस में ककं नक कौ ककं भल। मेरि इज बीमार छु क्वे पागल जेके पागल लै हुनी तब लै मैं आपण मस्तारि कं छाड़न जेके। ऐल अगर मैल ऐस करौ तौ और नय छांणिक लौंग मौंड तो आपण मै बाबनकं ऐसिकै छाड़ि द्याल। मैं आपण इज कं एकदम फिट्ट करबेर यो गौंक मेसन कं दिखूंल कि मानसिक अवसाद भल है सकूं बस परिवारैल वीक दगड़, वीक साथ नि छाड़न चैं।
मौलिक
अरुण प्रभा पंत
अगर आप कुमाउँनी भाषा के प्रेमी हैं तो अरुण प्रभा पंत के यु-ट्यूब चैनल को सब्सक्राईब करें
0 टिप्पणियाँ