
उत्तराखंडा'क ग्लेशियर, नदी और छीड़ (झरने)
लेखिका: अरुण प्रभा पंतहमरि संस्कृति में सबन है अधिक हमरि नदीनौक हमर जल श्रोतनौक स्थान छु। यो सब प्रकृति प्रदत्त उपहार भाय जनन कं हमूल भली कै संरक्षित करण भौय। उत्तराखंड उच्च न्यायालयैल इन सब श्रोतन कं जीवित संज्ञा रूप में स्वीकार कर राखौ। हमार पुराण ग्रंथन में तनन कं साफ सुथौर धरणाक भौत उपाय लै लेखी छन जनौर वैज्ञानिक आधार स्वीकार की जै चुकगो।
इननकं ज्यून धरण यैक लिजि लै जरूरी छु किलैकि९७%पाणि संसारौक लुणी और पिणी लैकौक न्हा। २.७५% पाणिजो पिणी लायक छु यो ग्लेशियरनौक छु।जमें.२५%फीसदी पाणि पिणाक लिजिए उपलब्ध छु। उत्तराखंड अनेक नदीनौक दुर्गम स्थल छु जैलपिणी पाणि, ख्यातन में सिंचाय और अज्यान बिजुलि लै बणयी जैं। पुर विश्व में विख्यात और पूजनीय गंगा नदी मुख्य हिमालयाक दक्षिण श्रेणिन बै निकलैं। गंगा शुरू में अलकनंदा व भागीरथी रूप में छु। अलकनंदा क सहायक नदी धौली, विष्णुगंगा तथा मंदाकिनी छु। गंगा नदी, भागीरथीक रूप में गौमुख गंगोत्रीस्थान बै निकलैं। भागीरथी व अलकनंदा देवप्रयाग में मिलनी वीक बाद यो नदी गंगा कहलैं।

यमुना नदीक उद्गम क्षेत्र बंदरपूंछाक पश्चिम में यमनोत्री हिमनद बै छू। रामगंगाक उद्गम स्थल तकलाकोटाक उत्तर पश्चिम में माकचाचुंग हिमनद में मिल जैं। सौंग नदी देहरादूनाक दक्षिण पूर्वी भाग में वीरभद्र स्थानाक पास गंगा नदी में मिल जैं। यैक अलावा गोरी गंगा काली गंगा, रामगंगा, कोसी, लाघिया, गौरा आदि लै उत्तराखंडाक प्रमुख जीवनदायिनी भाय।
झील-ताल और छीड़ (झरने):-
यां भूगर्भीय हलचलाक कारण जां भूकंप, भूस्खलन (अतिवृष्टि के कारण भी भूस्खलन) और प्राकृतिक झील ताल छीड़ (झरने) देखण में उनी जैसी नैनीझील, भीमताल, सातताल, खुरूपताल गिरि ताल, नलदमयंतीताल, नौकुचियाताल आदि। गढ़वाल में डोडिताल उत्तरकाशी में, देवरिया ताल रुद्रप्रयाग में, वासुकी ताल, लिंगताल नर्किस ताल, यमताल, गांधी सरोवर, रुपकुण्ड, हेमकुंड, सतोपद, वेणीताल, नचिकेता ताल, केदार ताल, सातताल काजताल छन।
उत्तराखंड में मुख्यतः गंगोत्री, यमनोत्री, चौरावरी, बद्रीनाथ आदि ग्लेशियर अर्थात हिमनद छन।
छीड़ (झरने):-
उत्तराखंड में अनगिनत झरन छन। पर कुछ छीड़ झरन गण्तगायन (मशहूर) भाय जैसी:- कैम्फटी फॉल, मसूरी, भट्टा फॉल, मसूरी
कौरबैट फॉल, नैनीताल
वसुधारा फॉल, बद्रीनाथ
नीर गृह, ऋषि केश
बिरथी फॉल, मुनश्यारी पिथौरागढ़
टायगर फॉल, चकराता
सहस्त्रधारा फॉल, देहरादून
रुद्रधारी फॉल, कौसानी
पटना, ऋषिकेश
गरुड़चट्टी, ऋषिकेश
यैक अलावा नान नान छीड़ हर गौंगध्यारनाक तीर मिल जानी और लै कुछ नय नय छीड़ झरन जो भले ही नामचीन न्हांतन पर अस्तित्व में छन।
यो छीड़ झरन प्रकृति क सौंदर्यैक पराकाष्ठा में बै एक भाय,जकं देखबेर कसै लै मनखी हौ झूमकर मंत्र-मुग्ध हैयी बिना नि रै सकन और कुछ देराक लिजि उमें हम डुब जै जानू और यो अद्वितीय सौंदर्यैक फाम जीवनपर्यंत मन में बसी रैं।
अरुण प्रभा पंत

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