
-:खट्टै तिमिलाक पात में:-
लेखिका: अरुण प्रभा पंत
चट्टकन खट्टै लै हमरि पछ्याण भै हो
भांगैक,भंगिर,दाढ़िम,धणी यापोदिन
निम्मुं, चूख जामिर याअम् ख्वैड़
कभै नि खै हमुल खट्टै बिना दाल-भात
आमैक नय ब्वारि हमरि नानि काखि
झट्ट उठ चट्टकन खटै बणूनहुं तंग्यार
हमरि आम् भै भौत्तै कारंदार लुकै बेर
खाड़न खड़ै बेर निम्मु,गडेरि धरि बेर
बखत जर्वत में लि उनेर भै बड़बड़ानी
मुखलुकै हस छिंया खिसैलगैआमैक
गरम दावभात टपकीऔर पात में खट्टै
तिमिला'क पात मिला तो के कूणै नै
दोफरि खाण हो और खट्टै बिना नैनै
हमार सबै पोषक तत्त्व मिल ग्याय
मिल ग्याय जब टपकीऔर चट्टकन खट्टै
सब तात्तै तुरंत खाणु बैठ पुर परवार
दिखावा न क्वे ऐंठम सिद-साद ज्यौनार
चट्टकन खट्टै हमरिआम् हमरि काखि।
उं दिन उखाण उ भूख हमौर स्वाद।
मौलिक
अरुण प्रभा पंत
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