च्येलि हुनेर् भै सौभागी

च्येलि हुनेर् भै सौभागी-कुमाऊँनी कविता,betiya saubhagya laati hain,daughter brings luck to family, kumaoni poem

च्येलि हुनेर् भै सौभागी

रचनाकार: हीरा बल्लभ पाठक
🌹🌿🌹🌿🌹

च्येलि हुनेर् भै सौभागी या, यस् कूनीं पै लोग
पर जैकि हैं वी ज्याणों कदु बात बणौंनी लोग।

जस जसै ठुलि हैं लोगोंक् आँख पिढ़ांण भैटैं 
हाय यौ त् खित् खित् हैंसनै यस् लै कूनीं लोग।

चड़ी बै नि जांण ना ना माठ-माठू लै नि चलोल् 
पै कसिक् हिटण चैं ? यौ नि बतूंन हो लोग।

जल्दि ब्या करि दियो त् आइ नानी जी कूनीं 
द्वी-चार बरस ठुलि है गै त् बुड़ी बतै दिनी लोग।

ओहो दाज्यू ! च्येलि कैं  पर्यौ भान न बताओ
पुर  संसार बसै द्यीं च्येलि, यस् लै कूनीं लोग।
🙏🏼🌿🌺⚘🌺🌿🙏🏼

हीरावल्लभ पाठक (निर्मल), 05-03-2021
स्वर साधना संगीत विद्यालय लखनपुर,रामनगर
 
हीरा बल्लभ पाठक जी द्वारा फेसबुक ग्रुप कुमाऊँनी पर पोस्ट

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ