आपु ख्वौरक आग् आफी निमाओ

आपु ख्वौरक आग् आफी निमाओ-कुमाऊँनी कविता,poem about protect himself from covid,covid se apna bachav apane aap karo,kumaoni kavita sura

आपु ख्वौरक आग् आफी निमाओ

रचनाकार: कैलाश सिंह 'चिलवाल'

आपु ख्वौर्'क आग् आफी निमाओ
दूसर'क ख्वरल आपु ख्वर चुपण नी हुंन 
आपु लै समझो उनुकै लै समझाओ
आपु ख्वरक आग् आफी निमाओ।

कतू नान् अनाथ हैगी,
कैकै इज त कैकै बांज्यू न्हैंगी
चाओ धै! कस हाहकार है रौ।
अनाथों गिनती सत्तर भयी 
तो अधिकारी सात कूंणयी 
दाज्यू! कम से कम गिनती ठिक कराओ, 
आपु ख्वरक आग् तुम आफि निमाओ।।

फर्जी दवाई, बेडों में कमीसन, 
अनाप सनाप बिल बणूंणयी 
मरीज कै डरैबेर आइ सी यू 
में धरणंई--
यास् निगुरि मैसों कै नरक'क फाम दिलाओ 
आपु ख्वरक आग् आफि निमाओ।।
 
क्वे कोवैक्सीन क्वे कोवीशील्ड
क्वे स्पुटनिक क्वे मौडर्ना कूंणयी 
कैक जै सुंणू,
जतु मुंख उतु बात हुणंयी-
"उ" कूंणी 'उनरि' वैक्सीन नी लगाओ, 
'कैलाशा'! नी पड़िया तनर चक्कर में---
जो पैली मिलणैं उ लगाओ, 
आपु ख्वरक आग् आफी निमाओ,
'तनर' भरौस पै नी भैटों
सब आत्मनिर्भर बंणि जाओ।।

कैलाश सिंह ' चिलवाल', 30-05-2021
बनौड़ा भैषड़गाँव सोमेश्वर अल्मोड़ा।
वर्तमान स्थान: गुड़गाँव, लखनऊ।

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