उत्तराखंड कून खन आब ज्वॉन हैगौ

कुमाऊँनी कविता - उत्तराखंड कून खन आब ज्वॉन हैगौ, poem about Uttarakhand state after its inception, uttarakhand rajya ke banne se ab tak ke haal,kumaoni kavita

उत्तराखंड  कून खन, आब ज्वॉन हैगौ

रचनाकार: राजू पाण्डेय

उत्तराखंड  कून  खन आब ज्वॉन हैगौ
योंका युवाका न्यौति यौलै परेशान हैगौ।

हर साल  जन्मबार मे खूब प्रोग्राम भया
बिकासा स्युना सालो बाद लै स्युना रया
आम आदमी वां निचोडियो निमवा हैगौ
उत्तराखंड  कून  खन आब  ज्वॉन हैगौ।

राजधानी कौं हो यो सालो बठि चर्च छन
कैथे टेम नहा मूलभूत जरुरतो चर्च खन
भीतरे  भीतर भलि कैं यो खोखलो हैगौ
उत्तराखंड  कून  खन आब  ज्वॉन हैगौ।

कक्या भाई कि  सारि बारि सरकार हैरे
शैद नया विकल्पे यौलै आब दरकार हैरे
सेठ भया  राजा योंका गरीब प्रदेश हैगौ
उत्तराखंड  कून  खन आब  ज्वॉन हैगौ।

जागि जा यो युवा उत्तरांखड बचुनौ छ
देवभूमि आब "राजू" सबोलै सजुनि छ
नया सोचैलै अघा बढ़ो आब जिलै हैगौ
उत्तराखंड  कून  खन आब  ज्वॉन हैगौ।

~राजू पाण्डेय, 09-11-2020
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