
शकुनाखर (कन्दान में गडु़वै धार दिण बखत क् गीत)
तारा पाठक (आमा कोचिंग सैंटर)
हाथ गडु़वा ले माइली ठाडी़,
वो तो बबज्यू कुश की डाली जी।
थरथर कंपै बबज्यू हमारे,
वो तो कंप है कुश की डाली जी।
हम नहीं कंपैं लाडू़ हमारी,
वो तो कंप है कुश की डाली जी।
हाथ गडु़वा ले दादी ठाडी़,
हाथ गडु़वा ले ताई ठाडी़,
हाथ गडू़वा ले चाची ठाडी़ ,
वो दादाजी कुश की डाली जी,
वो तो ताऊ जी कुश की डाली जी,
वो तो चाचाजी कुश की डाली जी।
थरथर कंपैं दादा हमारे ,
थरथर कंपैं ताऊ हमारे,
थरथर कंपैं चाचा हमारे,
वोतो कंप है कुश की डाली जी।
हम नहीं कंपैं लाडू़ हमारी,
वो तो कंप है कुश की डाली जी।
हाथ गडू़वा ले भाभी ठाडी़,
हाथ गडू़वा ले बहुवा ठाडी़,
वो तो भय्या जी कुश की डाली जी,
वो तो बीराजी कुश की डाली जी।
थरथर कंपैं भय्या हमारे,
थरथर कंपैं बीरा हमारे,
वोतो कंप है कुश की बाली जी।
हम नहीं कंपैं लाडू़ हमारी,
वोतो कंप है कुश की डाली जी।
हाथ गडू़वा ले नानी ठाडी़,
हाथ गडू़वा ले मामी ठाडी़,
वोतो नानाजी कुश की डाली जी,
वोतो मामाजी कुश की डाली जी।
थरथर कंपैं नाना हमारे,
थरथर कंपैं मामा हमारे,
वोतो कंप है कुश की डाली जी।
हम नहीं कंपैं लाडू़ हमारी,
वोतो कंप है कुश की डाली जी।
हाथ गडू़वा ले बहिना ठाडी़,
हाथ गडू़वा ले बुवा ठाडी़,
हाथ गडू़वा ले मौसी ठाडी़,
वोतो जीजाजी कुश की डाली जी,
फूफाजी कुश की डाली जी,
वोतो मौसा जी कुश की डाली जी।
थरथर कंपैं जीजा हमारे,
थरथर कंपैं फूफा हमारे,
थरथर कंपैं मौसा हमारे,
वोतो कंप है कुश की डाली जी।
हम नहीं कंपैं लाडू़ हमारी,
वोतो कंप है कुश की डाली जी।
(जब गडु़वैधार दिनी घरा जनानी गडु़वै धार दिनी ,उनार बैग कुश हाथ में पकड़नी उ बखतक् गीत छ यो।)
फोटो सोर्स गूगल

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