
कुमाऊँनी खड़ी होरी
राधा की चूनर रंग में भिगोई
रचनाकार: हीरा बल्लभ पाठक
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राधा की चूनर रंग में भिगोई
होरी खेलें नन्द लाल हरी।
खेलत गेंद गिरी जमुना में
कालिया नाग को नाथ्यो हरी।
पूतना मारिके कंस पछाड्यो
मथुरा में जाय कियो राज हरी।
द्रुपदसुता की चीर बढ़ाई
दुःशासन पचि हार्यो हरी।
दुर्योधन के मेवा त्यागी
साग विदुर घर खायो हरी।
अर्जुन के संग सारथि बने हैं
कौरव दल को हरायो हरी।
मथुरा छोड़ के द्वारिका बसाई
गौलोक धाम पधारे हरी।
'निर्मल' भजिले कृष्ण कन्हैया
गोवरधन गिरिधारी हरी।
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हीरावल्लभ पाठक (निर्मल), 05-03-2021
स्वर साधना संगीत विद्यालय लखनपुर,रामनगर

हीरा बल्लभ पाठक जी द्वारा फेसबुक ग्रुप कुमाऊँनी पर पोस्ट
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