मुछ्या्व ता्पो

कुमाऊँनी कविता - मुछ्या्व ता्पो, ओ रे देशा्क नौजवानों, हात बटी हात मिला्ओ। Kumuni Kavita Motivational Poem


मुछ्या्व ता्पो

रचनाकार: नवीन जोशी नवेंदु

ओ रे देशा्क नौजवानों, हात बटी हात मिला्ओ।
धार्ति पारि जो ब्वझ बणि रौ, उकैं घटा्ओ, का्न लगा्ओ।

आज तुमूकै बखत धत्यूंणौ, हात-हात में मुछ्या्व था्पो
दुश्मणौंक लिजी इकबटी जा्ओ, आपंण हातौंकि ताकत ना्पो।

आज फिरि बणि जा्ओ ‘राम’, और रावण काव मारो
जामवन्तौ्क जस ज्ञान बांनो, हनुमन्तैकि जसि उछ्याव मारो।

आज बखत फिरि दुहराई जांणौ, आजादीकि फिरि मा्व जा्पो
हम सब छां पैली हिन्दुस्तानी, हर दिल में य गीत था्पो।

हम को् छां, हमैरि पछ्यांण के छू, हर बखत यैक धियान धरो
देशैकि भला्इ पैल काम, वीक पछिल हर काम करो।

दुश्मणौक फंड़ तो उठंण-चांणौ, उकैं पकड़ि-निचो्ड़ि च्या्पो।
देश में ब्वे दियो शान्तिक कल्पवृक्ष, फिरि पिरेमौ्क मुछ्याव ता्पो।
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राष्ट्रीय सहारा कार्यालय, पॉपुलर कंपाउंड, मल्लीताल, नैनीताल। 
पिनः 263002।   उत्तराखंड।

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