
अहा! कदुकै भल् हूँ पै
रचनाकार: हीरा बल्लभ पाठक
बेड़ू र् वट् दगड़ नौंणि
खेतम् झुंगर कौंणि
नयीं दुल्हैणि कैं पौंणि
अहा! कदुकै भल् हूँ पै।
गाई छाँ काकड़क् रैत
पिनाऊ पत्यूड़
झुंगरौ छंसी और चौमासौ मैत
अहा! कदुकै भल् हूँ पै।
ह्यूनौ घाम, चौमासौ आम
क्वहाँ दाम, भगवान् ज्यु नाम
अहा! कदुकै भल् हूँ पै।
गदुवा टुक, दैंणौ तुड़ुक,
बेड़ू र् वट्म् पराई टुपुक
कोंय मानणी परिवार,
डबल कमूंणी च्यल्
और मैतक् मुलुक
बांजा क्वैल् क्वहाँ छिलुक
अहा! कदुकै भल् हूँ पै।
मू (मूली) त्वर्यां साग,
ख्वर् पार् पाग
सगड़म् आग,
और पधानी क् भाग
अहा! कदुकै भल् हूँ पै।
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हीरावल्लभ पाठक (निर्मल), 19/20-07-2020
स्वर साधना संगीत विद्यालय लखनपुर,रामनगर

हीरा बल्लभ पाठक जी द्वारा फेसबुक ग्रुप कुमाऊँनी पर पोस्ट
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