कोएऊ ताई मोलाय ,ए धना सिद्धी,
कोएऊ चूली हलाई, नगरखंड न्यूतिए।
रामी चँद्र ताई मोलाय,लछीमण ताई मोलाय, ए धना सिद्धी,
सीता देही ,बहूराणी चूली हलाई, नगरखंड न्यूंतिए।
चूली जो मांगनीछ श्रीखंडदार,
ताई जो मांगनीछ गुड़ घिय भोग,
माई जो मांगनीछ संय्यां जी को राज,
करनीछ पुत्र को काज, नगरखंड न्यूंतिए।
(परवारा बैगो, च्यालों नाम) ताई मोलाय,ए धना सिद्धी,
(परवारा सोहागिली सुंदरी मंजरी) चूली हलाई, नगरखंड न्यूंतिए।
चूली जो मांगनीछ श्रीखंडदार,
ताई जो मांगनीछ गुड़ घिय भोग,
माई जो मांगनीछ संय्यां जी को राज,
करनीछ पुत्र को काज, नगरखंड न्यूंतिए।
(शुभकाज में तै (कढाइ) लगूनी, तै लगूंण बखत कढा़इ में और झांजर में कंकण बादनी, द्वि कलश धरनी, चुल कें अक्षत पिठ्या चढै़बेर तब जै सुवाल उलावनी।)
फोटो सोर्स गूगल

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