जिम कार्बेट पार्काक् शेर......

  कुमाऊँनी भाषा में शेर-शायरी, ज्ञान पंत जी द्वारा  Sher-Shayari in Kumaoni language by Gyan Pant, Kumaoni Shayari

जिम कार्बेट पार्काक् शेर......
रचनाकार:  ज्ञान पंत

तु
ढुँङ खिती कर
बखत ' क
कान ले हुँनी। 

उज्याव ' कि
आस कर
अन्यार्
आफि भाजि जाल्। 

ज्यादे
बलाले
जिबैड़ि
रड़ि जालि। 

नेता
ऊँण लागि रौ
चुनाव
हुँणी छन्।

खाप
ताँणियै रौली त
"पेट"
कभै नि भर हाँ।
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दुन्निय'क
टटम् भै 
भलिकै खाँण् ले
अखरनेर भै। 

"दुन्नि"
कैकी नि है सकि त
तेरि
का बटि होलि - कै हरौछै।

तु
चालै त
दुन्नीय'क ले
है सकछै।

चौमासन् में त
रौड़ ले ओच्छी जानीं 
तु मनखी छ
समुद्र सोची कर। 

ढुँङ - पत्थर
आफि -- अपने आप
रड़ि - फिसलना
टटम् -- बहाने
अखरनेर -- ठीक न लगना
ओच्छी -- इतराना, रौड़ -- नाले

December 2016
...... ज्ञान पंत
ज्ञान पंत जी द्वारा फ़ेसबुक ग्रुप कुमाऊँनी से साभार

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